महोबा गणेश चतुर्थी का पर्व हर वर्ष भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है इस पर्व को देश भर के लोग धूमधाम के साथमनाते हैं जहां गणपति बप्पा के मंदिरों को भी भक्तगण साफ सफाई कर रंग बिरंगी लाइटों से सजाते हैं गौरतलब हो कि शहर के कई स्थानों में गणपति बप्पा के पंडाल बनाकर उन्हें लाइटों से सजाया गया है और गणपति की प्रतिमा को विराजमान कर विद्वान पंडितों के द्वारा अनुष्ठान कराकर गणपति को गंगाजल से स्नान एवं हल्दी चावल रोली चन्दन पुष्प दुब अर्पण किया और साथ ही दीप प्रज्वलित कर उनके समक्ष गणेश वंदना कर विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ उन्हें लड्डुओं का भोग लगाकर पूजा अर्चना की तथा शहर में कई गणेश भक्तों ने अपनी ही घरों में गणेश की प्रतिमा को विराजमान कराया और पंडालों में भी गणेश प्रतिमा देखने को मिली जहां गणेश भक्त रोजाना गजानन के दरबार में पहुंचकर महिलाएं व पुरुष उनके यहां भजन कीर्तन गाकर माहौल को भक्ति मय बना रहे हैं।
सुबह शाम गणेश प्रतिमा के यहां भक्तगण पहुंचकर उनके चरणों में माथा टेक कर अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि व अमन चैन बनाए रखने के लिए अर्जी लगाते हैं तथा भारी संख्या में भक्तगणों की भीड़ देखने को मिलती हैबच्चे भी प्रभु के दरबार में अपनी भागीदारी कर रहे हैं गणेश पंडाल में कई जगह बाहरी कलाकारों के द्वारा भजन संध्या गणेश वंदना के अलावा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी की जाती है जो कि आम जनमानस भक्तगण इन कार्यक्रम को देखकर मंत्र मुग्ध हो जाते हैं एक सप्ताह तक चलने वाले इस पर्व का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन भक्ति गानों द्वारा बड़ी ही उत्सुकता के साथ बैंड बाजा ढोल नगाड़े के साथ उनकी नम आंखों से विदाई दी जाती है भक्तगण गणपति बप्पा मोरया अगली बरस तू जल्दी आ गणेश भगवान की जय जय कारों के साथ अंतिम विदाई देते हैं गणेश प्रतिमा विसर्जन पर भारी संख्या में जन सैलाब उमड़ पड़ता है।
रिपोर्ट – राकेश कुमार अग्रवाल
पंडाल में विराजमान गणपति बप्पा की पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु जन
1.3K views
Click