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पूर्णिमा पर लालगंज में मानस पाठ

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पूर्णिमा पर लालगंज में मानस पाठ

लालगंज, रायबरेली। अटल चौक लालगंज निवासी उमाशंकर बाजपेई और रमाशंकर बाजपेई बंधुओं के द्वारा शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर साज बाज के साथ मानस पाठ का शुभारंभ किया गया है।

खागा से आये मानस मर्मज्ञ राधेश्याम बाजपेई और करुणानिधान द्विवेदी के द्वारा मानस पाठ का बहुत ही सुंदर ढंग से वर्णन किया जा रहा है। पंडित राधेश्याम बाजपेई ने बताया कि हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का अपना विशेष महत्व है। हमारे जीवन में पूर्णिमा की बारह तिथियां पड़ती हैं, लेकिन आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का पौराणिक रूप से बहुत ही महत्व है।

वास्तव में सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का अपना एक स्थान है। शरद पूर्णिमा धनदायक पूर्णिमा मानी जाती है। शास्त्रों में लिखा है कि शरद पूर्णिमा के दिन आकाश से अमृत वर्षा होती है और मां लक्ष्मी की पूजा करने से मानव की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है।

उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा के दिन ही मां लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करने आती है और जो लोग रात में भजन कीर्तन करते हुए मां लक्ष्मी का आह्वान करते है।धन की देवी उनके घर में वास करतीे हैं।

शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की चांदनी से पूरी धरती शराबोर रहती है और अमृत की वर्षा होती है। शास्त्र में लिखी हुई बातों के अनुसार ही भारत में ऐसी परंपरा बन गई है कि रात को चंद्रमा की चांदनी मे खीर रखने से उसमें अमृत समा जाता है। हिंदू धर्मावलंबी लोग उस खीर को प्रसाद के रूप में धारण करते हैं।

इस मौके पर नवल किशोर अवस्थी, शिव प्रकाश पांडे,अन्नू बाजपेई, आयुष बाजपेई, तन्नू बाजपेई, रमेश मिश्रा, देवी कुमार गुप्ता, शिव सागर, लक्ष्मी शंकर गुप्ता, सुशील शुक्ला, अशोक शुक्ला, देवेंद्र अवस्थी आदि भक्तगण मौजूद रहे। कार्यक्रम के आयोजक उमाशंकर बाजपेई ने बताया कि रविवार सायं राज तिलक कार्यक्रम के साथ प्रसाद वितरण होगा।

रिपोर्ट- संदीप कुमार फिजा

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