फ़र्ज़ी तरीके से यूनिफार्म सप्लायर ने बैंक से निकाले थे लाखो रूपये,लेकिन चढ़ गए न्यायालय के रडार पर

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सलोन(रायबरेली) : बैंक ऑफ बड़ौदा उमरन शाखा में यूनिफार्म सप्लायर द्वारा चेक में हेराफेरी कर लाखों रुपये निकालने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। न्यायालय के आदेश पर शाखा प्रबंधक की तहरीर पर पुलिस ने यूनिफार्म विक्रेता पंकज कुमार के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।कोतवाली क्षेत्र के रोहनिया विकास खंड के छतौना मरियानी कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्रीराम गुप्ता ने दिनांक 15 सितम्बर 2020 को यूनिफार्म आपूर्ति के लिए चेक संख्या 633253 के माध्यम से ₹31,050 रुपये का भुगतान पंकज कुमार पुत्र बाबूलाल निवासी प्रयागपुर ननदौरा, लक्ष्मीगंज, ऊंचाहार को किया था।आरोप है कि पंकज कुमार ने चेक में धोखाधड़ी और छल कपट से रकम बढ़ाकर ₹3,10,501 करा दी।और उसे अपने एचडीएफसी के खाता संख्या 50100346142322 में नेफ्ट करवा लिया।जब यह अनियमितता सामने आई तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने मामले की सूचना तत्काल बैंक के शाखा प्रबंधक को दी।शाखा प्रबंधक बैंक आफ बड़ौदा उमरन योगेश श्रीराम वेदय ने आरोपी को लिखित रूप से नोटिस भेजकर धनराशि लौटाने की मांग की, लेकिन न तो आरोपी बैंक से संपर्क में आया और न ही रुपये वापस किए।इसके बाद शाखा प्रबंधक ने इस पूरे मामले की लिखित जानकारी कोतवाली पुलिस और पुलिस अधीक्षक को रजिस्ट्री पत्र के माध्यम से भेजी।काफी समय तक कोई कार्रवाई न होने पर जब प्रकरण न्यायालय में पहुंचा, तो अदालत के आदेश पर सलोन कोतवाली पुलिस ने आरोपी यूनिफार्म सप्लायर पंकज कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और छल कपट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।इस प्रकरण ने न केवल शिक्षा विभाग बल्कि बैंकिंग व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्षेत्र में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिरकार ₹31 हजार का चेक तीन लाख से अधिक कैसे बन गया और समय रहते बैंकिंग सिस्टम में यह गड़बड़ी क्यों नहीं पकड़ी गई।कोतवाली प्रभारी शिवशंकर सिंह ने बताया कि शाखा प्रबंधक की तहरीर पर न्यायालय के आदेश पर यूनीफार्म विक्रेता पंकज कुमार के विरुद्ध गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

अनुज मौर्य /आशीष कुमार रिपोर्ट

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