Home उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ मिश्रपुर तरौल के पंचायत भवन पर मुर्गियों-बकरियों का कब्जा

मिश्रपुर तरौल के पंचायत भवन पर मुर्गियों-बकरियों का कब्जा

0
मिश्रपुर तरौल के पंचायत भवन पर मुर्गियों-बकरियों का कब्जा

प्रतापगढ़। मान्धाता ब्लॉक का एक ऐसा गांव जहां ग्रामीणों की नहीं जानवरों की होती है पंचायत। पंचायत भवन में प्रधान, सचिव पंचायत सहायक बैठने के बजाए बैठती हैं बकरियां व मुर्गियां।

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा मिश्रपुर तरौल का पंचायत भवन लाखों रुपए से बने पंचायत भवन में कई वर्षों से नहीं बैठे हैं प्रधान व सचिव इसके बाद ही इसका रंग-रोगन कराकर निकाल लिए गए लाखों रुपए मिश्रपुर तरौल पंचायत भवन में उपकरणों के लिए भी निकाल लिए गए लाखों रुपए लेकिन पंचायत भवन में नहीं है एक भी उपकरण दिव्यांग शौचालय में भी हुआ है बड़ा खेला कई महीनों से नहीं खुला है दिव्यांग आधा अधूरा कराया गया है कार्य।

सीएम योगी के जीरो टॉलरेंस को पलीता लगा रहे हैं ब्लॉक मांधाता के अधिकारी भ्रष्टाचार का खेल रहे है बड़ा खेल क्या उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की हनक पड़ने लगी है कमजोर ब्लॉक मांधाता में भ्रष्टाचार का खुलेआम खेला जा रहा है नंगा खेल जान कर भी अंजान बने हैं जिले के आलाधिकारी सीएम योगी ताबडतोड समीक्षा बैठक कर अधिकारियों की पेंच कसने में जुटे हैं विभागों के अधिकारियों को आगाह किया जा रहा है लेकिन ऐसा लग रहा है कि वे अंदाज नौकरशाहो ने सरकार को बेबस कर दिया है

आपको बता दें कि विकासखंड मांधाता के ग्राम सभा मिश्रपुर तरौल में प्रधान सचिव व ब्लॉक के अधिकारियों की मिलीभगत से विकास कार्यों को दिखाकर जमकर हुआ है पैसों का बंदरबांट ग्राम सभा में पूर्व में बना खड़ंजा को मरम्मत दिखाकर लगभग 2 लाख रुपए का बड़ा खेल खेला गया है जबकि कुछ ग्रामीणों का कहना है कि इस खड़ेंजे के आसपास की सिर्फ काटी गई थी झाड़ियां वही दूसरी ओर पंचायत भवन में जहां प्रधान सचिव व पंचायत सहायक को बैठना चाहिए वहां बकरियां और मुर्गियां और गंदगी का अंबार लगा हुआ है।

वही पंचायत भवन के कमरों में खटिया सहित अन्य कबाड़ भरे पड़े हैं कई वर्षों से इस पंचायत भवन में एक भी बैठक नहीं हुई है लेकिन जब बात आती है पैसों की तो इसका रंगा रोहन दिखाकर पंचायत भवन के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान करा लिया जाता है वहीं दूसरी और प्राथमिक विद्यालय में बने दिव्यांग शौचालय में भी बड़ा खेल खेला गया है शौचालय का कई महीनों से ताला तक नहीं खुला है।

जिसमें जंग लग चुके हैं मकड़ी का जाल लग चुका है सफाई कर्मी ने बातचीत में बताया कि शौचालय का मल मूत्र गड्ढा भी नहीं बनाया गया है और शौचालय में पानी भी नहीं आता बड़ा सवाल प्रधान व अधिकारियों के भ्रष्टाचार से स्वच्छ भारत मिशन का सपना प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी का आखिर कैसे साकार होगा।

योगी सरकार प्रदेश की जनता को हर सुविधा मुहैया कराने की कोशिश कर रही है परंतु अफसरशाही पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे प्रदेश सरकार गांव के विकास कार्यों को लेकर तमाम योजनाएं चला रही है परंतु विभाग की मनमानी के चलते जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है।

योगी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है लेकिन वही मांधाता ब्लॉक के अधिकारी अपनी कारस्तानी से फिर भी बाज नहीं आते उनकी कारगुजारियां जारी है।

रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here