महराजगंज रायबरेली , सरकारें तो कई आई गयी किन्तु क्षेत्र की कई खस्ताहाल सड़कों की दशा जस की तस नजर आती हैं। वहीं चुनावो में इन सड़कों कों “चकाचक” करने के झूठे वादों के बाद नेताओं एवं उनके छुटभैया कार्यकर्ताओं का जनसमस्याओं से कोई वास्ता नहीं दिखाई पड़ता। बताते चले की क्षेत्र के बलीपुर से कुशमहुरा तक 300 मीटर जाने वाले मार्ग का डामरीकरण हुए करीब 15 वर्ष हो गए। इस रोड पर डामर तो नहीं किन्तु 15 वर्षों से पड़ी गिट्टी पर चलने कों आज भी 300 आबादी की बलीपुर मजरे कुशमहुरा की जनता चलने कों मजबूर हैं।
उधर डिग्री कालेज, जूनियर स्कूल सहित अन्य सुविधाओं से लैस तीन हजार की आबादी वाले सलेथू गांव कों जाने वाली सड़क भी निर्माण की बांटजोह रही। जिस की मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए फूंकने के बाद भी सड़कों पर सड़क कम और गड्ढे आज भी ज्यादा नजर आते हैं। यही हाल मऊ ग्राम सभा से सिकंदरपुर ग्राम सभा कों जाने वाले मार्ग का हैं जिस पर निर्माण तो कई बार हुए किन्तु गुणवत्ता कागजों में ही दफन हो कर रह गयी।
जिस पर बलीपुर कुशमहुरा निवासी हामिद अली, हौसला प्रसाद, सतीश द्युवेदि आदि ग्रामीणों ने बताया की चुनाव आया हैं तो नेता भी वादों की सड़क लाते ही होंगे। कई चुनाव बीतने एवं सरकारें आने जाने के बाद भी हम लोगो की सुनने वाला कोई नहीं।
रिपोर्ट- अशोक यादव एडवोकेट
सड़कों की दशा जस की तस नजर आती हैं
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