अध्यापकों की दबंगई से बेबस हुए डलमऊ के अधिकारी

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रायबरेली। जिले में इस समय ईमानदार डीएम शुभ्रा सक्सेना के निर्देशन में सभी विभाग के लापरवाह अधिकारी व कर्मचारी अपने रवैये में सुधार कर रहे हैं मगर जिले में बेसिक शिक्षा विभाग लगातार शासन व डीएम मंशा के विपरीत किसी भी नियम कायदे को मानने को तैयार नहीं है, जिले में एक ब्लाक ऐसा भी है जहां कर्मचारी अधिकारियों के आदेशों का मखौल बनाकर उड़ा रहे हैं, हो भी क्यों न अध्यापको की दबंगई के आगे बीईओ साहब बेबस जो हैं, आइये पढ़ें हाल डलमऊ ब्लाक का….

समय से पूर्व तालाबंदी

डलमऊ विकास खण्ड में कुछ दबंग अध्यापको की दबंगई का आलम यह है कि उनके रसूख के चलते क्षेत्रीय अधिकारी भी कलम चलाने से कतराने लगे हैं, अब इसे गुरु जी का रसूख कहें या फिर विभाग के कमाऊं पूत माना जाए इसका अंदाजा तो खुद अधिकारी ही लगा सकते हैं।

डलमऊ विकासखंड के पूर्व माध्यमिक विद्यालय कंधरपुर में तैनात प्रधानाध्यापक समय से पहले ही ताला लगाकर गायब हो जाते हैं, ग्रामीणों का आरोप है कि यह कोई नया मामला नहीं है। ऐसा यहां अक्सर होता है। गौरतलब है कि विकासखंड डलमऊ के पूर्व माध्यमिक विद्यालय कंधरपुर में तैनात प्रधानाध्यापक प्रमोद शुक्ला अपनी मर्जी से विद्यालय चलाते हैं जिनके आने जाने का कोई समय नहीं प्रधानाध्यापक की दबंगई के आगे ग्रामीण भी आवाज उठाने की जहमत नहीं उठा पाते। शनिवार को प्रधानाध्यापक प्रमोद शुक्ला द्वारा दो बजे ही बच्चों की छुट्टी कर दी गई और विद्यालय में ताला लगाकर अपने निजी कार्य से चले गए।

देर से आना जल्दी जाना

ग्रामीणों के मुताबिक दबंग छवि के अध्यापक प्रमोद शुक्ला के आगे महकमा इस कदर बेबस है की जल्दी आना देर से जाना इनकी आदत में शुमार है, ग्रामीणों की मानें तो पिछले कई दिनों से ऐसा होने के चलते ग्रामीणों में चर्चा का विषय बन गया, ग्रामीणों ने बताया की विद्यालय में समय से पूर्व बच्चों की छुट्टी कर दी गई। नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीणो ने कहा कि प्रधानाध्यापक कहते हैं अधिकारी मेरा कुछ नहीं कर सकते।

कार्यवाही न होने से बदहाल हुआ डलमऊ

हिंदी के प्रसिद्ध कवि सूर्यकांत त्रिपाठी की कर्मभूमि डलमऊ ब्लाक की शिक्षा व्यवस्था अधिकारियों की वजह से ही चरमरा गई है, विगत दिनों अपने पिता के स्कूल में ड्यूटी करते पकड़े गए सन्तोष यादव ने भी बोर्ड के नियमों की धज्जिया उड़ाई मगर दबंगई व रसूख के आगे खण्ड शिक्षा अधिकारी डलमऊ उनपर कार्यवाही की कलम न चला सके है, अब प्रमोद शुक्ला की मनमानी भी महकमे की किरकिरी करा रही है, सूत्रों के मुताबिक निष्ठा प्रशिक्षण के दौरान बीआरसी सेंटर घोरवारा में खाना बनाने वाले से प्रमोद शुक्ला ने बड़ी संख्या में अध्यापकों की मौजूदगी में जमकर अभद्रता की जिसमे उनपर कार्यवाही के लिए भी चर्चा हुई मगर मामला फाइलों में दब गया।

बीईओ ने दिया कार्यवाही का भरोसा

विद्यालय में देर से आने व जल्दी जाने के मामले में विभाग की किरकिरी होने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी डलमऊ विश्वनाथ प्रजापति ने बताया कि समय से पूर्व विद्यालय बंद होने का मामला संज्ञान में आया है। संबंधित प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण मांग कर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

कौन बचा रहा सन्तोष यादव को

प्रमोद शुक्ला पर कार्यवाही की बात कहने वाले खण्ड शिक्षा अधिकारी सन्तोष यादव पर किस एहसान के बदले रहम कर रहे हैं इसका पता शायद ही उच्चाधिकारियों को चले, मगर बड़ा सवाल यह उठता है कि डलमऊ में ही चंद्रभूषणगंज में डीएम साहब के निरीक्षण में परीक्षा केंद्र के 100 मीटर के अंदर दुकान खोंलने पर चन्द्र प्रकाश दुबे व मनोज शुक्ला को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कराया गया, तो शिक्षा विभाग बोर्ड के नियमो की धज्जियां उड़ाकर अपने ही पिता के स्कूल में ड्यूटी करते पकड़े गए सन्तोष यादव पर अब तक कार्यवाही का साहस क्यों नहीं जुटा पाया है? सवाल उठने लाजिमी हैं कि जब डीएम साहब में स्कूल के बाहर के दुकानदारो पर कार्यवाही करके नकल से निपटने के लिए कड़ा संदेश दिया तो बोर्ड परीक्षा के खत्म होने के बाद अब तक सन्तोष यादव पर कार्यवाही क्यों नही हुई, तो क्या इन हालात में महकमा क्या देर से आने वाले दबंग अध्यापक पर कार्यवाही का साहस जुटा पाएगा, इसका जवाब तो आने वाले वक्त में पता चलेगा।

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