आए थे शादी में… न घर के रहे न घाट के

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तम्बू में लाॅकडाउन है महाराष्ट्र से आया पूरा परिवार, खुशियों को लगा ग्रहण

कुलपहाड (महोबा) । एक कहावत है कि आए थे हरिभजन को ओटन लगे कपास। ये कहावत महाराष्ट्र से एक शादी में आए परिवार पर सटीक बैठ रही है। शादी की खुशियां और दावतों के बजाए ये परिवार ग्राम प्रधान की व्यवस्था पर आश्रित हो गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बेलाताल में रह रहे एक लोहापीट परिवार के मेहरबान सिंह की २२ वर्षीय पुत्री राधा का रिश्ता ग्वालियर हो गया था.यह परिवार बेलाताल रेलवे स्टेशन के पास झुग्गी बनाकर रहता है। राधा की शादी की तिथि नजदीक आते ही राधा के करीबे रिश्तेदारो का बेलाताल आना शुरू हो गया था।
ऐसा ही एक परिवार महाराष्ट्र के नांदेड जिले के बिलौली से बेलाताल तब पहुंचा जब लाकडाउन की घोषणा हो गई थी। ऐसे में पप्पू के समूचे परिवार जिसमें उसकी पत्नी रुमाली, बच्चों कालिया 25 वर्ष, मनीष 12, अमित 10 वर्ष, नन्दनी 8 वर्ष, सुमित 6 वर्ष, सपना 4 वर्ष कोरोना वायरस लॉक डाउन के चलते आई टी आई बेलाताल के सामने झुग्गी बनाकर रह रहे हैं। ग्राम प्रधान बेलाताल ने खाने पीने की व्यवस्था की है। उन्हें झुग्गी बनाने के लिए सामान उपलब्ध करा दिया गया है। पूरे परिवार के शादी की खुशियां सेलीब्रेट करने के सपने धराशायी हो गए हैं।

Rakesh Kumar Agrawal

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