आखिर कस्बे को कब मिलेगी जाम से निजात

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कस्बे में जाम की समस्या अब आम होती जा रही है। रोज-रोज लगने वाले जाम से कस्बा वासी त्रस्त होते नजर आ रहे है। शुक्रवार को कस्बे में लगे जाम की वजह से वाहन सवार, स्कूली बस में सवार बच्चे भूख और प्यास से परेशान रहे।जाम में बाइक सवार वृद्ध मरीज व स्कूली बसें भी फंसी रही। पुलिस के न होने की वजह से जाम जल्द न खुल सका। इस वजह से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

बताते चले कि कस्बे में आम दिनों में तो जाम की समस्या तो रहती ही है लेकिन बाजार वाले दिन जाम की समस्या इस कदर हो जाती है की लोगो को अपनी बाइक से निकलने में घंटो लग जाते हैं।व्यापारी व वाहन चालक तथा स्कूली बच्चे इस जाम से जूझ रहे हैं। जाम की वजह से लोगों को समय से अपने गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी हो रही है।

नगर वासियों का कहना है कि अब तो हर दिन कस्बे में जाम लगना आम बात हो गई है। एक किमी की दूरी को तय करने में आधे घंटे से ज्यादा का वक्त लग जाता है।शुक्रवार को कस्बे में जाम लग गया। जिससे लोगों को घंटो तक इंतजार करना पड़ा। जाम खुलने की आस में वाहन चालक जगह-जगह अपने वाहन को लेकर खड़े रहे।

जब जाम खुला तो लोग अपने गंतव्य को जा सके।वही जाम के समय पुलिस भी कही सड़क पर नजर नही आई।व्यापार मंडल अध्यक्ष रिंकू जायसवाल का कहना है कि कस्बे में पुलिस चौकी होने के बाद भी या तो चौकी पर कोई मौजूद नहीं रहता और अगर मौजूद भी है तो जाम लगने पर पुलिस कर्मी चौकी में पड़ी कुर्सियां छोड़ना भी मुनासिब नहीं समझते।

डग्गामार वाहनों के सड़क पर खड़ा करने की वजह से आए दिन जाम लगता रहता है। कस्बा में जाम की समस्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और कस्बा से अगर कोई नेता या अधिकारी निकलता है तो यही पुलिस जाम नहीं लगने देती। उन्होंने कहा कि व्यापार मंडल की ओर से मांग है कि कस्बा को जाम से मुक्त किया जाए।

रिपोर्ट -अशोक यादव एडवोकेट

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