नाबालिग स्कूली बच्चे दोपहिया वाहनों से भर रहे फर्राटा

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रायबरेली-जिंदगीका पाठ पढ़ने जा रहे नौनिहाल स्कूल के अंदर एंट्री लेते समय ही सरेआम नियम तोड़ते हुए केवल खुद की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी खतरा बने हुए हैं।

तमाम खतरों को भांपने के बावजूद नाबालिग हाथों में अभिभावक टू और फोरव्हीलर थमा रहे हैं। स्कूल में भी ये नादान परिंदे वाहनों पर बेखाैफ एंट्री कर रहे हैं। इन्हें स्कूल में रोकने या यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने के लिए अध्यापक भी गंभीर नहीं हैं। इन दिनों यातायात पुलिस भी इक्का-दुक्का चालान काटकर खानापूर्ति करने में लगी है। उन्हें भी पता है कि दो दिन बाद फिर वही स्थिति जाएगी। रिपोर्ट्स टुडे की टीम ने शहर के पांच बड़े स्कूलों के बाहर की स्थिति का जायजा लिया तो यह हालात चौंकाने वाले थे स्कूल में नाबालिक बच्चे स्कूटी और बाइक लेकर आए थे और वह भी बिना किसी नियम के, जानकार बताते हैं कि शहर में एक हजार से ज्यादा नाबालिग दोपहिया वाहन चलाते हैं। इनमें से अधिकतर ही नियम तोड़ते हैं

जागरुकता लेक्चर का कोई असर नहीं

यातायात पुलिस स्कूलों में जाकर 15 से 20 लेक्चर यातायात माह पर यातायात नियमों को लेकर देती है, लेकिन इनका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा।

यातायात नियमों के प्रति अवेहलना का यह हाल तब है जब नाबालिग चालक के हाथों हादसा होने पर अभिभावक के खिलाफ भी 6 माह कैद की कार्रवाई होती है। ऐसे में अब जरूरत है कि नाबालिग के हाथों में अभिभावक नियमों के खिलाफ जाकर वाहन ही दें। जब अभिभावक ने गलती कर दी तो स्कूल के एंट्री गेट पर ही टीचर यातायात नियम तोड़ने वाले विद्यार्थियों को रोक दे। इसके बाद बचा हुआ काम यातायात पुलिस पूरा कर दे। इस साझा प्रयास से ही आपके नौनिहाल सुरक्षित रह सकेंगे।

हर साढ़े 3 मिनट में सड़क हादसे से एक की मौत

देशमें सालाना करीब एक लाख 41 हजार मौत सड़क हादसों की वजह से होती है। प्रत्येक साढ़े 3 मिनट में एक व्यक्ति की मौत सड़क हादसे में होती है।

हेलमेट से दूर नाबालिग चालक 30 फीसदी वाहनों पर ट्रिपलिंग

रिपोर्ट्स टुडे ने शहर के पांच बड़े स्कूलों के बाहर सुबह 7 से 9 बजे तक नजर रखी। इस दौरान यहां 300 से 500 विद्यार्थी टू-व्हीलर पर आते दिखे। इनमें से लगभग सभी ने नियम तोड़े। तेज रफ्तार में चूर ये नाबालिग चालक हेलमेट नहीं पहन रहे। 30 फीसदी वाहनों पर तीन विद्यार्थी दिखाई दिए। इनमें से कई छात्राएं भी थी। वहीं कुछ छात्र स्टंट करते भी नजर आए लेकिन ना तो स्कूल प्रशासन इस पर ध्यान दे रहा है और ना ही यातायात के अधिकारी इन पर कोई कार्यवाही कर रहे हैं जिसका नतीजा यह रहता है कि आए दिन सड़क हादसों में नाबालिक बच्चे घायल व उनकी जान जा रही है अब देखने वाली बात यह होगी कि ऐसे स्कूलों पर जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

Anuj Maurya

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