आनन्द भूषण महाराज ने ध्रुव चरित्र और वामन अवतार की कथा का वर्णन किया गया

54

इचौली(हमीरपुर)मौदहा विकासखंड के ग्राम नायाकपुरवा के मेन बाजार शंकर जी के मंदिर में चल रही भागवत कथा के तृतीय दिवस पर व्रन्दावन से आये कथा व्यास आनन्द भूषण महाराज ने ध्रुव चरित्र और वामन अवतार की कथा का वर्णन किया गया। ध्रुव चरित्र का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भक्ति के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं है। भक्ति किसी भी उम्र में की जा सकती है। भगवान के परम भक्त ध्रुव ने मात्र पांच वर्ष की आयु में ईश्वर से साक्षात्कार कर लिया था। वामन अवतार कथा प्रसंग के दौरान कथा व्यास ने बताया कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ और अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता। इसलिए जीवन में परोपकार करो। उन्होंने कहा कि अहंकार, घृणा और ईर्ष्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। यदि हम संसार में पूरी तरह मोहग्रस्त और लिप्त रहते हुए सांसारिक जीवन जीते हैं तो हमारी सारी भक्ति एक दिखावा ही रह जाएगी। कथा के दौरान वामन अवतार की झांकी दिखाई गई।कथा का आयोजन भगवानदास गुप्ता,अनूप गुप्ता,राजाबाबू गुप्ता, श्यामबाबू गुप्ता कराया जा रहा है।भागवत कथा में बड़ी संख्या में महिला-पुरूष पहुंच कर कथा का आनन्द लिया।

Click