इस छोटी सी बात ने बना दिया डॉक्टर, आज हैं कोरोना फाइटर

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इनपुट – देवेश वर्मा/सौरभ शुक्ला

कोरोना फाइटर्स एक्सक्लूसिव में The Reports Today के साथ डॉ बीरबल

न्यूजडेस्क – देश आज चीन के वुहान से निकली कोरोना वायरस नामक महामारी से जूझ रहा है, देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बचाव के लिए लिए 21 दिन के लकडाउन की घोषणा के साथ उस वायरस से लड़ने की तैयारी कर दी जिसका अब तक कोई इलाज नहीं, उस लड़ाई को जिन कोरोना फाइटर्स के दम पर आज पूरा देश लड़ रहा है उसमें से एक हैं जिले के वरिष्ठ चिकित्सक, जिला अस्पताल में तैनात फिजिशियन डाक्टर बीरबल।

डाक्टर बीरबल कैसे चिकित्सक बनकर आज कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं वो एक्सक्लूसिव कहानी पढ़िए आप TheReportsToday के साथ।

दादी की बीमारी ने बना दिया डॉक्टर

डाक्टर बीरबल ने TheReportsToday से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए बताया कि उनके घर वाले उनके शिक्षक उनको एक इंजीनियर के रूप में देखना चाहते थे मगर उसी बीच उनकी दादी माँ को ल्युकोडर्मा की बीमारी ने जकड़ लिया, उस बीमारी का इलाज होते देख ही उनके मन भी डॉक्टर बनने की इच्छा जागृत हो गयी और उन्होंने डाक्टर बनने का प्रण कर लिया, और आखिरकार वह चिकित्सक बन गए।

आईएएस बनना था सपना

डाक्टर बीरबल आज चिकित्सक बनकर भले ही जिले को नामी गिरामी शख्सियत में शामिल हों मगर उनके मन मे भी एक टीस बाकी है और वह है एक आइएएस अधिकारी बनकर देश सेवा करने को, डाक्टर बीरबल ने बताया कि वह आईएएस बनकर देश सेवा करना चाहते थे और यह उनका सपना भी था मगर दादी के बीमार होने के बाद वह सपना दूर होता चला गया, उसी दौरान उनको प्रोफेसर डॉ राकेश ने सीख देते हुए कहा था कि अगर देशसेवा करना चाहते हो तो चिकित्सक बनकर भी कर सकते हो, अगर अंतिम सांस तक किसी एक व्यक्ति को एक दवा भी बताते रहे तो तब तक देश सेवा करते ही रहोगे, बस इसी के साथ डाक्टर बीरबल में अपना सबकुछ चिकित्सा जगत को समर्पित कर दिया।

बेहद सादगी पूर्ण है जीवन

जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सक डाक्टर बीरबल की जीवनशैली भी बेहद सादगीपूर्ण ही है, फोटो सेशन से दूर रहकर बिना किसी तामझाम के डॉक्टर बीरबल अपने कार्य को बखूबी अंजाम देने में लगे रहते हैं। डाक्टर बीरबल के परिवार में दो बेटे, पत्नी और मां हैं, पत्नी की भी जीवनशैली सेवाभाव की है, डाक्टर बीरबल ने बताया कि कोरोना से इस जंग में उनका परिवार भी उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहते हैं मगर मानवता के प्रति उनकी सेवा करने की ललक के आगे वह सावधानी पूर्वक इस जंग में पूरे मनोयोग से लड़ रहे हैं।

पत्नी देती हैं हमेशा साथ

डाक्टर बीरबल की पत्नी शालिनी कनौजिया भी डॉक्टर साहब के कार्य मे हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहती हैं, शालिनी कनौजिया का शुरुआत से ही सेवाभाव में समर्पित थी, वर्तमान में वह भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्यकारिणी में पदाधिकारी भी हैं, डाक्टर बीरबल ने कहा कि दोनों लोगों के बीच कभी भी राजनीति व ड्यूटी को लेकर कोई असमंजस नहीं हुआ बल्कि शालिनी हमेशा से ही उनको जमसेवा के लिए प्रेरित करती रही हैं।

भीड़ को देख रोने लगी पत्नी

डाक्टर बीरबल ने बताया कि पीएम के लाकडाउन की घोषणा के दो दिन बाद जब टेलीविजन पर यह दिखाया जाने लगा कि दिल्ली ले आनन्द विहार बस स्टॉप पर हजारों की संख्या में मजदूर मौजूद हैं तो उनकी पत्नी रोने लगी और तत्काल उनको फोन करके घर आने को कहा, उन्होंने बताया कि घर आने के बाद जब उन्होंने कारण पूंछा तो पता चला कि पीएम के लाकडाउन के बाद जिस तरह से लोग बेपरवाह होकर इधर उधर भाग रहे थे उसको लेकर उनकी पत्नी बहुत परेशान हो गयी थी, काफी समझा बुझाकर फिर वह ड्यूटी पर वापस चले गए।

सावधानी ही बचाव है

कोरोना के खिलाफ जंग में लगातार ड्यूटी पर तैनात डाक्टर बीरबल ने बताया कि कोरोना के खिलाफ जंग में प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा किये गए लाकडाउन की घोषणा का लोग कड़ाई से पालन करें और सोशल डिस्टेंसिग का खयाल रखें, जिससे कोरोना को चेन टूट जाएगी और संक्रमण फैलने से रोका जा सकेगा, उन्होंने ने बताया कि जो लोग अन्य प्रांतों से आये हैं वो कवारेन्टीन होम जाकर रहें , अपने परिजनों से चौदह दिन तक दूरी बनाकर रखे, जिससे कि इस गम्भीर वायरस को फैलने से रोककर इस महामारी से निपटा जा सके।

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