….और नोटों की गड्डियां थामते हुए बोला लेखपाल अब कोई दिक्कत नहीं

घूसखोर लेखपाल का वीडियो वायरल… उप जिलाधिकारी ने किया निलंबित

रायबरेली – क्या भ्रष्टाचार जमकर है चंद नोटे अब मोटी हो  हो गई हैं। जी ठीक पढ़ा आपने, कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। घूसखोर लेखपाल का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह नोटों की गड्डियां थामते हुए कह रहा है “अब कोई दिक्कत नहीं।” भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था का हुंकार भरने वाली भाजपा सरकार को कलंकित करते अधिकारी और कर्मचारियों का वीडियो कभी ना कभी निकल कर सामने आता रहता है। सरकार के वादों इरादों की भद्द पिटवाते है घूसखोर कर्मचारी एवं अधिकारी। इसके बाद अधिकारी निलंबित करने की कार्यवाही करते हैं और जांच टीम बना दी जाती है जिसकी रिपोर्ट कब आती है कब नहीं आती है इसे मीडिया को भी अवगत नही कराया जाता! सलोन का घूसखोर लेखपाल प्रवीण मिश्रा के वायरल वीडियो में नोटों की गड्डियां लेता हुआ दिखाई पड़ रहा है खबर मीडिया में चली तो प्रशासन हरकत में आया निद्रा टूटी निलंबन की कार्यवाही कर दी गई।

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साल 2017 में उत्तर प्रदेश में नई सरकार बनते ही सचिवालय समेत सभी कर्मचारियों के लिए अचल-अचल संपत्तियों का ब्योरा देने का आदेश दिया गया था। इसके बाद कई रिमाइंडर जारी हुए और सचिवालय के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा शासन के सामने रख दिया। इसके बाद न तो इसे किसी ने उलट-पुलट कर देखा ही और न ही कोई जांच हुई। अधिकारियों ने इन संपत्तियों के ब्योरे पर ऐसा ‘पहरा’ बैठाया कि अब ये कागज सचिवालय प्रशासन के अधिष्टान अनुभाग में डंप हैं।

रैंडम जांच करवाना चाहती थी सरकार

 

सूत्रों के मुताबिक, सरकार की मंशा थी कि एक बार संपत्ति घोषित हो जाएगी तो इसकी रैंडम जांच करवा ली जाएगी। कम से कम उन कर्मचारियों और अधिकारियों की तो जांच हो ही सकती थी, जिन पर धन उगाही या फर्जीवाड़े के आरोप लगे हों। हालांकि, सीएम के आदेश पर ब्योरा तो ले लिया गया, लेकिन अधिकारियों ने इसकी जांच नहीं करवाई। सचिवालय के एक कर्मचारी नेता कहते हैं कि अगर सरकार की मंशा के मुताबिक अधिकारियों ने जांच करवा ली होती तो आज सब में भ्रष्टाचार को लेकर खौफ होता।

दुर्गेश सिंह चौहान

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