कागज में फाइव स्टार का मानक, शिक्षकों को खाने को मिला ढाबे से बदतर खाना

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कौशांबी । जनपद के सभी बीआरसी केंद्र में शिक्षकों को निष्ठा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एक बैच में शामिल शिक्षकों को लगातार पांच दिनों तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए बीआरसी स्तर पर अन्य व्यवस्थाओं के साथ ही शिक्षकों को सुबह-शाम का नाश्ता व दोपहर में भोजन दिया गया, लेकिन फाइव स्टार का मेन्यू होने के बाद भी शिक्षकों को ढाबे से बदतर भोजन मिला। पनीर तो सिर्फ मेन्यू में ही दिखा। हकीकत में किसी भी बीआरसी में पनीर का व्यंजन बना ही नहीं।

जिले के सभी शिक्षकों को निष्ठा का प्रशिक्षण लेना है। इसके लिए शनिवार से पहले बैच का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। पहले बैच में प्रत्येक बीआरसी में 50-50 शिक्षकों के तीन बैच का प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से उनको शिक्षा के क्षेत्र में आए परिवर्तन को समझने और डिजिटल माध्यम से छात्रों को नई व तकनीकी जानकारी देना है। इससे शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा। ऐसा शिक्षा विभाग का दावा है। इस प्रशिक्षण में शामिल होने वाले शिक्षकों को सुबह व शाम का नाश्ता और दोपहर का भोजन दिया जाना है। इसके लिए सरकार की ओर से भारी भरकम बजट भी दिया गया है, लेकिन जिले में इसका पालन नहीं हो रहा है। भोजन के लिए आया बजट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। हर ब्लाक में नाश्ता व भोजन अलग-अलग तरह का दिया जा रहा है। कहीं सब्जी के रूप में दमालू तो कहीं गोभी आलू, रसेदार बैंगन आलू की सब्जी भी शिक्षकों के भोजन में देखने को मिला। भोजन की मात्रा इतनी कम की पांचवीं के छात्र भी भूखे रह जाएं। कुल मिलाकर सीधे शब्दों में हम कह सकते हैं कि फाइव स्टार का मेन्यू दिखाकर शिक्षकों को ढाबे से भी बदतर भोजन मिल रहा है। इसको लेकर शिक्षकों में दोष है। शनिवार को पहले दिन के प्रशिक्षण में स्थिति और भी खराब रही। शिक्षकों को पांच पूड़ी, थोड़ी सी सब्जी, चार कौर चावल व अचार ही मिला। रविवार को शिक्षकों के विरोध के कारण कुछ स्थानों पर थोड़ा परिवर्तन दिखा है, लेकिन मेन्यू का पालन किसी भी बीआरसी में नहीं किया गया।

यह है मेन्यू

सुबह का नाश्ता : कॉफी या चाय और उसके साथ पनीर पकौड़ा अथवा फ्रेश फ्रूट।

दोपहर का भोजन : शाही पनीर, दाल फ्राई, मिक्सवेज, रोटी मक्खन सहित, जीरा राइस, फ्रूट रायता, सलाद पापड़, अचार व मीठे में गाजर का हलवा या डाई फ्रूट।

शाम का नाश्ता : कॉफी या चाय के साथ समोसा।

कहां क्या मिला भोजन :

चायल : मिक्सवेज व दमालू की सब्जी, चावल, रोटी, दाल, सलाद, अचार व एक लड्डू।

नेवादा : आलू, गोभी, टमाटर की सब्जी, चावल, छह कचौड़ी, दाल, अचार व एक लड्डू।

सरसवां : छोला, छह पूड़ी, अरहर की दाल, चावल।
कौशांबी : आलू व बैगन की सब्जी, चावल, कचौड़ी, दो लड्डू, अरहर की दाल व मूली और टमाटर का सलाद।

कड़ा व सिराथू : आलू की टिकिया व चाय का नाश्ता, आलू बैगन व पनीर की सब्जी, तला चावल, अचार, चार कचौड़ी व एक-एक रसगुल्ला, शाम को चाय व बिस्किट।

मंझनपुर : पनीर व बैगन आलू की सब्जी, दाल फ्राई, तला चावल, आठ कचौड़ी, चटनी, अचार, एक पीस बर्फी।

मूरतगंज : आलू व बैगन की सब्जी, छोला, अरहर दाल, पांच कचौड़ी, एक पीस बर्फी, अचार, चावल।

जिले स्तर से मेन्यू के अनुसार भोजन बनाए जाने की टेंडर निकला था। अब हकीकत में क्या बन रहा है, इसे बीईओ को देखना चाहिए। कही गड़बड़ी हो तो इसे सही कर लिया जाएगा।- शैलेंद्र सिंह, सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी सर्व शिक्षा समग्र अभियान।

Ajay Kumar

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