कोरोना के भौकाल ने थामी जिंदगी

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बाजार बंद, त्योहार बंद, कमाई बंद, बढ रहा है तनाव व चिडचिडापन

कुलपहाड़ (महोबा)। कोरोना के भौकाल ने नगरवासियों की जिंदगी की रफ्तार को थाम दिया है। कंटैनमेंट जोन के नाम पर एक पखवाडे से अधिक समय से बाजार कारोबार ठप पडा है , त्योहारों पर नकेल कस गई है। आमदनी जीरो और खर्चा लगातार चल रहे हैं। सबसे विकट समस्या उन बीमारों व असहायों के समक्ष उठ खडी हुई जिन्हें जगह जगह गाडी गई बांस बल्लियों के कारण डाक्टर तक पहुंचना एवरेस्ट की चढाई जैसा हो गया है। दूसरी ओर प्रशासनिक सख्ती १९७५ की इमरजेंसी की याद दिलाने लगी है।

नगरवासी कोरोना टेस्टिंग के खेल से परेशान हैं जिसमें एक बार पाजिटिव रिपोर्ट आती है और चंद दिनों बाद ही वही व्यक्ति कोविड सेंटर में पडे पडे निगेटिव हो जाता है।

कोरोना पाजिटिव मरीज कोविड सेंटर से घर वापस लौट आए हैं लेकिन कंटैनमेंट जोन को लेकर प्रशासन की सख्ती बरकरार है। संयोग से जिस क्षेत्र में कोरोना पाजिटिव केस निकले हैं वह मुख्य के करीब के लोग हैं जिससे पूरा बाजार एक पखवाडे से अधिक समय से ठप पडा है।

इलाज के निजी चिकित्सकों तक पहुंचने में तीमारदारों को नाकों चने चबाने पड रहे हैं क्योंकि जिन क्षेत्रों में ज्यादातर चिकित्सक हैं उन सभी इलाकों को बांस बल्ली लगाकर सीज कर रखा है. सफाई व्यवस्था भी बेपटरी हो गई है। क्योंकि कचरा गाडी भी अब डोर टु डोर नहीं पहुंच पा रही है। कनटेंनमेन्ट जोन में सामान आपूर्ति की होम डिलिवरी का आदेश है लेकिन इसके लिए भी कोई व्यवस्था या आदेश निर्गत नहीं किया गया है।

अलबत्ता संक्रमित मरीजों के घरों व आसपास के इलाकों को अग्निशमन विभाग की टीम द्वारा सेनेटाइज किया जा रहा है। नजदीक आ रहे त्योहारों को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सरकार और प्रशासन के तेवरों को देखते हुए लगता है कि कोरोना के अलावा अब कोई मुद्दा बचा नहीं है।

Rakesh Kumar Agrawal

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