कोरोना टेस्टिंग से जनमानस का मोह भंग, जांच दल पर महिलाओं ने किया पथराव

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काल्पनिक तस्वीर

खाकी के जोर पर जबरन कराई जा रही है टेस्टिंग

कुलपहाड ( महोबा ) कोरोना टेस्टिंग को लेकर सरकार रोजाना प्रशासन पर दबाव बना रही है दूसरी ओर टेस्ट कराने के नाम पर लोग बिदक रहे हैं जांच दल पर पथराव भी होने लगा है। अब अधिकारी खाकी और उसके डंडे के जोर पर कोविड १९ की जांच कराने पर अडा है।

सरकारी तौर पर देश प्रदेश में केवल एक ही समस्या है और वह समस्या है कोरोना। घर घर कोरोना की टेस्टिंग को लेकर जा रही स्वास्थ्य टीम को जगह जगह विरोध का सामना करना पड रहा है। रविवार को नगर के गोविंदनगर में कोरोना सैम्पलिंग के लिए गए जांच दल पर महिलाओं ने पथराव कर दिया। दुबक कर अपनी जान बचाने वाले कर्मचारियों ने फोन पर उच्चाधिकारियों को अवगत कराकर फोर्स मांगा। पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे एसडीएम , सीओ ने सैम्पलिंग शुरु कराई। पुरुष तो भाग गए , लेकिन डंडे के जोर पर महिलाओं और बच्चों के सैम्पल ले लिए गए।

रगौलिया बुजुर्ग गांव में सैंपलिंग के लिए बेलाताल से ११ सदस्यीय चिकित्सा दल गया था। ३००० की आबादी वाले गांव में जांच टीम महज ६ लोगों के सैम्पल ले सकी जबकि गांव के लोग घरों में ताला डालकर खेतों में चले गए।

कुलपहाड का सोनकपुरा हो या भटेवरा सभी जगह जांच टीम को लोगों के विरोध का सामना करना पड रहा है। पुलिस बल होने पर लोग खाकी और उसके डंडे के डर से जरूर जांच करा लेते हैं अन्यथा कोविड १९ की टेस्टिंग से लोगों का मोहभंग हो गया है। सैंपलिंग के लिए इमरजेंसी के समय नसबंदी जैसे हो गए हैं जब टीम देखते ही लोग भाग खडे होते थे। लोगों के विरोध का सबसे बडा कारण भले चंगे व्यक्ति को कोरोना पाजिटिव बताकर उसे कोविड सेंटर भेजे जाने से है। यदि खाकी के डंडे का जोर ज्यादा चला तो हो सकता है कि लोग सडकों पर उतर आएँ।

Rakesh Kumar Agrawal

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