खोया मंडी तक ही सिमट कर रह गई खाद्य विभाग की कार्यवाही

मिलावट खोरी
लालगंज समेत शहर के नामी होटलों में चमक रहा है कारोबार, नहीं पहुंची टीमें

रायबरेली/ऊँचाहार/लालगंज,महराजगंज – होली का त्यौहार मिलावटखोरो की बल्ले- बल्ले। दूसरे तरफ सरकारी टीमें उनका काम जनता को शुद्ध एवं स्वच्छ चीजे ही मिले ऐसी व्यवस्था करना। लेकिन जिले के टीमों का हाल ऐसा है कि कार्यवाही तो सिर्फ खोया मंडी रायबरेली तक ही होकर सिमट गई है वह भी छोटे दुकानदारों पर जो दूर-दूर से अपना खोया बेचने गांव से शहर आते हैं। दूसरी ओर जनपद की नामी होटलों में पैदा बिना किसी टेस्टिंग सैंपल के बिक रहे मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल तक नहीं भरे गए। साहबान के हाथों में कमान थी तो उन्होंने लक्ष्य भी वही लगाया जहां से यह संदेश चला जाए की कार्यवाही तो हमने कर दी है अब रायबरेली में साफ सुथरा बिना मिलावट का खोया तथा खाद्य पदार्थ बिक रहा है कहीं कोई चीज की गुंजाइश नहीं है।

जिलेभर में खुलेआम टैक्स की हो रही है चोरी

जी जनपद भर में खुलेआम होटलों पर उसके साथ ही दुकानों पर टैक्स की चोरी की जा रही है मसलन ग्राहकों को पक्का बिल नहीं दिया जा रहा है मनमानी तरीके से जनरल स्टोर की दुकानों में भी यही हाल है सादे पन्ने पर जोड़ घाट कर उनको बिल थमा दिया जाता है जबकि उन होटलों और जनरल स्टोर की रोजाना की सेल टैक्स के दायरे में आती है और यह सब खुलेआम चल रहा है। लेकिन सरकारी विभाग ऐसा है कि वह तो अपनी जिम्मेदारियों को किनारे रखकर सो रहा है। राजस्व का चूना एक तरफ तो लग ही रहा है साथ में खाद्य पदार्थ जो ग्राहक खरीद रहे हैं उस पर भी सवालिया निशान है क्या वह वाकई में शुद्ध है या फिर उन पैकट में भरकर उन्हें ब्रांड बनाने की कोशिश की गई है इसे देखने वाला जनपद में कोई नहीं है।

तेल, खोया, दूध, दही समेत अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर सवालिया निशान

जनपद भर में त्यौहार नजदीक आते ही करोड़ों की खरीदारी होती है तो ग्राहक गाढ़ी कमाई का पैसा इस उम्मीद से लेकर बाजार पहुंचते हैं कि उन्हें शुद्ध और बिना मिलावट का सामान मिलेगा जिसे वह अपने बच्चों और रिश्तेदारों को खिलाएंगे। लेकिन लूट और भ्रष्टाचार का डंका यहीं पर बचता है बड़े-बड़े होटलों समेत दुकानों पर मिलावट का सामान बेचा जाता है और यह धंधा त्यौहार के नजदीक आने पर अपने चरम पर होता है। ऐसा भी नहीं है कि जनपद में अधिकारी नहीं है जिम्मेदारी नहीं है सब कुछ है फिर भी यह अधिकारी और कर्मचारी और विभाग संकुचित जगह पर संकुचित कार्यवाही करके इस्त्री कर लेते हैं और यह जताने की कोशिश करते हैं सब कुछ सामान्य है। सनद रहे पिछले दीपावली के त्यौहार को जनपद के कई नामचीन होटलों पर सैंपल भरे गए थे और वहां पर खाद्य पदार्थों की ऐसी मिलावट खोरी की जाती थी जिसे जानवर भी ना खाए। लेकिन बीते दिनों कार्यवाही संकुचित होकर रह गई उन होटलों तक भी कार्यवाही नहीं हुई जो पहले सवालिया निशान थे जिन पर शंका की सुई गहराई थी। हालात जनपद के अभी बुरे हैं लालगंज महाराजगंज ऊंचाहार सलोन समेत ऐसी चिन्हित जगह है जहां पर मिलावटी जीरा भी पकड़ा गया समय-समय पर मिलावटखोर प्रशासनिक व्यवस्था को धता बताते हुए खाद्य पदार्थों में मिलावट करते हैं जिसका गंभीर नतीजा ग्राहकों को भुगतना पड़ता है उनके बच्चों को भुगतना पड़ता है तथा रिश्तेदारों को भी भुगतना पड़ता है। लेकिन सेटिंग गेटिंग की वजह से खुला खेल फर्रुखाबादी जारी है।
दुर्गेश सिंह चौहान

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