गरीब बच्चों का भविष्य खराब ना हो जाए

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आरटीई : घर के आसपास के स्कूल पोर्टल बता रहा आठ किमी दूर स्कूल

आरटीई से बचने का मैपिंग गलत करा लिए हैं प्राइवेट स्कूल

वाराणसी/ राजातालाब शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निर्धन व गरीब परिवार के बच्चों को निजी स्कूलों में दाख़िला के लिए पहले चरण के आनलाइन आवेदन की 28 फ़रवरी अंतिम तिथि बीत गई है। विकास खंड आराजीलाईन के अभिभावकों द्वारा पोर्टल पर आवेदन करने पर तो एडमिशन के लिए स्कूल घर से आठ किमी दूर आ रहा है। अभिभावक परेशान है कि पहले चरण के अंतिम तिथि तक गलत मैपिंग के कारण बच्चों का दाखिला कैसे होगा। जिसके चलते अभिभावक परेशान हो रहे है, लेकिन जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं। इस वजह से अभिभावकों में रोष है। आरटीइ में प्रवेश में पारदर्शिता के लिए शिक्षा विभाग ने पूरी प्रकिया को ऑनलाइन कर रखा है। लेकिन आरटीई पोर्टल पर स्कूलों की ग़लत मैपिंग है और पहले चरण के प्रवेश की अंतिम तिथि तक गलत मैपिंग नहीं सुधारने से ऐसे में अभिभावकों को समझ नहीं आ रहा है कि वह करे तो क्या करें। उन्हें इस बात का डर भी सता रहा है कि उनके बच्चे गलत मैपिंग होने की वजह से प्रवेश से वंचित न रह जाए।

सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने इस मामले को लेकर जब अभिभावकों से चर्चा की तो जवाबदारों के प्रति खासा रोष नजर आया। अभिभावकों का कहना था कि परेशानी से अवगत कराने के लिए संबधित अधिकारियों से कई बार मिले। बड़ी बात यह है कि शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा आरटीइ के आनलाइन प्रवेश व ग़लत मैपिंग और पिछले सत्र के दाख़िला का रिकार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश शिक्षा विभाग को दिए थे, लेकिन पहले चरण के अंतिम तिथि बीत जाने के बाद भी ना गलती सुधारा गया और ना रिकॉर्ड पहुँचा।

राजातालाब निवासी आवेदन कर रहे हैं तो आठ किमी दूर जक्खिनी गाँव में सृजन पब्लिक स्कूल व गौरा मातलदेई गाँव में स्थित संजय सिटी माडल स्कूल गौर मिर्जामुराद व गौर मिर्जामुराद के स्कूल गौरा मातलदेई में दाखिले के लिए बता रहा है।

राजातालाब के संदीप ने बताया मैं रानी बाज़ार गाँव में रहता हूं। आरटीई में दाखिला के लिए पोर्टल में आवेदन किया तो मेरे घर के आसपास के दीपापुर गाँव स्थित सृजन पब्लिक स्कूल एडमिशन के लिए आठ किमी दूर जक्खिनी गाँव में आ रहे हैं। हमारे घर से दीपापुर गांव स्थित उक्त स्कूल दो किमी दूर है। मातलदेई निवासी अभिभावकों ने कहा गौरा गाँव स्थित स्कूल में आवेदन कर रहे हैं तो मिर्जामुराद स्थित गौर गाँव के आसपास के स्कूल आ रहे हैं जो आठ किमी दूर है। शिक्षाधिकारियो से कई बार अभिभावकों ने पूछा तो जवाब मिला गौर व गौरा गाँव मिलते जुलते नाम होने से ये स्थिति बन रही है। शिक्षा विभाग में शिकायत की तो बोले हम क्या करें ऑनलाइन आवेदन होना है और सिलेक्शन होना है। यदि ऐसा ही रहा तो कई बच्चे एडमिशन से वंचित रह जाएंगे।

आरटीई में एडमिशन घर के आस पड़ोस के आधार पर होते हैं। ऐसे में लोग ब्लाक के नाम के बाद ग्राम पंचायत में आवेदन में डाल रहे हैं तो स्कूल घर से आठ किमी दूर आ रहा है। कई अभिभावक आवेदन नहीं कर पाए है।

सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने पीजी व आईजीआरएस पोर्टल पर इस पूरे मामले की शिकायत शिक्षा विभाग को की है। शिक्षाधिकारियो कहना है कि आप बीआरसीसी से पूछो। बीईओ आराजीलाईन ने बताया जो भी पास के स्कूल आ रहे हैं। अभिभावक एक से अधिक स्कूल के ऑप्शन ले सकते हैं जो सबसे पास का स्कूल आ रहा है उसके लिए आवेदन करें।

राजकुमार गुप्ता ने बताया कि आरटीइ के तहत पोर्टल पर अपडेट की जाने वाली स्कूलों की जानकारी में गड़बड़ी सामने आई है। इसमें आशंका जताई जा रही है कि बड़े स्कूल संचालकों को लाभ पहुंचाने के लिए विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने पोर्टल के साथ छेड़छाड़ कर मैपिंग को गलत ढंग अपडेट किया गया है। इस वजह से इन स्कूलों के आसपास के क्षेत्र के बच्चों के गाँव के रिकॉर्ड में अन्य गाँव दर्शाए गए है।


राजकुमार गुप्ता

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