गलत नीतियों के खिलाफ अभिभावको ने शिक्षा विभाग और निजी स्कूल प्रबंधन को दिया 72 घंटे अल्टीमेटम

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वाराणसी: राजातालाब, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन की गलत नीतियों के खिलाफ अभिभावको ने सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता के नेतृत्व में आंदोलन की रणनीति बनानी शुरू कर दिया है। गुरुवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर 72 घंटे यानी तीन दिनों में गलत नीतियों में सुधार लाने का अल्टीमेटम दिया है। निर्धारित तिथि तक मांगें पूरी नहीं होने पर चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी गयी। राजकुमार गुप्ता ने बताया कि शिक्षा विभाग की मिलीभगत से निजी स्कूलों द्वारा कई गलत नीतियों को लागू किया गया है, जो शिक्षा व छात्रहित में नहीं है। इसमें असीमित फीस वृद्धि, आरटीई और सामान्य छात्रों से रिएडमिशन, एनुअल इत्यादि भारी भरकम चार्ज, कचनार गाँव में स्कूल जाने वाले सार्वजनिक रास्ता को बंद करना समेत आरटीई और फि रेगुलेशन एक्ट का पालन नहीं किया जाता है।

उत्तर प्रदेश अभिभावक संघ के अध्यक्ष अधिवक्ता हरीओम दुबे का उनका आरोप है कि प्राइवेट स्कूल मनमाने तरीके से फीस में इजाफा कर लोगों की जेब पर अनावश्यक भार बढ़ाते हैं। अभिवावकों के अनुसार स्कूल अन्य पब्लिकेशन की कॉपी-किताबें खरीदने का दबाव बना रहे हैं। साथ ही, कई स्कूल अब री-एडमिशन के नाम पर फीस मांग रहे हैं जिससे मध्यमवर्गीय परिवारों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

इस सम्बन्ध में राजकुमार गुप्ता ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 में प्रवेश प्रक्रिया काफी अधिक अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के परिणाम स्वरूप वाराणसी जिले के प्राइवेट विद्यालय अभिभावकों से अवैध पैसे की वसूली हो रही है तथा सरकार की महत्वपूर्ण क़ानून आरटीई शिक्षाधिकार का भी मजाक उड़ाया जा रहा है तथा निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत गरीब समुदायों के बच्चों के लिए आरक्षित सीटो को घटाया जाता है तथा लाटरी में चयनित बच्चों का भी प्रवेश उक्त विद्यालयों में किसी न किसी बहाने नहीं किया जाता है तथा उनकी सीटे बिना प्रवेश लिये फुल कर दी जाती है इसके अलावा किसी खास दुकान और स्कूल से पठन पाठन, स्कूल ड्रेस आदि सामग्री अभिभावकों को लेने को बाध्य करने, नर्सरी से पढ़ाई करवाने वाले स्कूल कक्षा 1 मे पोर्टल पर आवेदन नहीं होना, पोर्टल पर कक्षा 1 से आवेदन लेने वाले स्कूल नर्सरी में आवेदन नही होना, अभिभावक संघ का गठन नहीं होना, फि रेगुलेशन एक्ट का कड़ाई से पालन नहीं कराना सम्बन्धित अधिकारी के कार्यप्रणाली काफी सन्देहजनक है, जिसके चलते वाराणसी जनपद के हजारो बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार का पूर्ण हनन एवं अभिभावकों का आर्थिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है।

रिपोर्ट – राजकुमार गुप्ता

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