गांधीजी के प्रथम सत्याग्रही थे विनोबा भावे- धर्माचार्य ओम प्रकाश

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प्रतापगढ़ सर्वोदय सद्भावना संस्थान द्वारा रामानुज आश्रम में महान स्वतंत्रता संग्रा म सेनानी एवं गांधीवादी विचारक सामाजिक नेता भारत रत्न आचार्य विनोबा भावे की 40वीं पुण्यतिथि पर एक कार्यक्रम संपन्न हुआ।
अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास ने कहा कि आपने महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात कर लिया था जिसके कारण आपको गांधी जी का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी एवं राष्ट्रीय अध्यापक माना जाता था। 87 वर्ष की उम्र में वर्धा के पवनार आश्रम में आपका परम पद हुआ था ।अंतरराष्ट्रीय मैग्सेसे पुरस्कार से आप को सम्मानित किया गया। आपकी माता रुक्मणी भाई आपको विन्या तथा दोनों छोटे भाइयों को बालकोवा और शिवा के नाम से पुकारती थीं। आपकी रसायन विज्ञान में विशेष रूचि थी गीता प्रवचन एवं संत तुकाराम पर लिखी गई पुस्तक संत प्रसाद में पर्याप्त मौलिकता एवं सहजता है।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 4 फरवरी 1916 को एक बड़ा जलसा हुआ था। जिसमें गांधीजी के आवाहन पर राजे महराजाओं ने अपने आभूषण दान कर दिया था। विनोबाजी शांति की खोज में हिमालय की ओर जा रहे थे उसी समाचार को पढ़कर विनोबा ने कहा यही व्यक्ति शांति और क्रांति दोनों प्रदान कर सकता है। गांधी जी को आपने पत्र लिखा उसके उत्तर में पत्र आया जिसके कारण 7 जून 1919 में आपकी मुलाकात गांधीजी से कोरबा आश्रम में हुई। 8 अप्रैल 1923 को वर्धा आश्रम में रहकर आपने महाराष्ट्र धार्मिक मासिक पत्रिका का संपादन किया। द्वितीय विश्व युद्ध के समय जब यूनाइटेड किंगडम द्वारा भारत को जबरन युद्ध में झोंका जा रहा था। महात्मा गांधी जी ने व्यक्तिगत सत्याग्रह चलाकर 17 अक्टूबर 1940 को आपको प्रथम सत्याग्रही घोषित किया।
आपने कहा कि अहिंसा में मैं पूर्ण रुप से विश्वास करता हूं इसी में मानव जाति का विकास हो सकता है, फांसीवाद नाजीवाद और साम्राज्यवाद में अधिक फर्क नहीं है। 1951 में तेलंगाना से भूदान यात्रा का आपने शुभारंभ किया सर्वोदय समाज की स्थापना करके आप उत्तर भारत का भ्रमण किया। लाखों एकड़ भूमि जमींदारों से उनका पुत्र वनकर मांगा। 1952 में प्रतापगढ़ में आप जौनपुर बादशाहपुर होते हुए गौरा आए थे। जहां से आप शाहगंज होते हुए फैजाबाद एवं वहां से लखनऊ पहुंचे आपके साथ प्रतापगढ़ से शाहगंज तक की यात्रा में पंडित पांडे सूर्य बली पांडे एडवोकेट स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी तथा पंडित राम लखन पाठक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं पूर्व मंत्री केंद्रीय राज्य मंत्री राम किकंर सरोज ने पदयात्रा किया था। पांडेजी भूदान समिति के अध्यक्ष थे, आप त्रिभुवन नाथ सिन्हा एडवोकेट पंडित भगवती प्रसाद शुक्ल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्व मंत्री के माध्यम से हजारों बीघा जमीन पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय द्वारा स्थापित विद्यालयों में एवं जनपद प्रतापगढ़ के अनेकों गरीबों को भूमि दान की गई। प्रतापगढ़ के अनंत राम भाई उनके दामाद मणिलाल भाई वर्धा आश्रम में आपके साथ रहते थे। मणिलाल भाई अभी आश्रम में रहते हैं। 8 मई 2022 को गंगा सप्तमी के दिवस प्रवीण कुमार पंकज पंडित के आवाहन पर सई नदी के पावन तट पर स्थित नमक शायर के जमुनिया घाट के शहीद स्थल पर आए थे जहां दीपदान किया था। आचार्य विनोबा भावे के साथ मणिलाल भाई ने बिहार में किसानों के हाल को जानने के लिए पद यात्रा भी किया था। मणिलाल भाई द्वारा दूरसंचार के माध्यम से एवं वरिष्ठ कवि संगम लाल त्रिपाठी भंवर संतोष दुबे पूर्व सभासद प्रवीण कुमार पंकज पंडित डॉ अवंतिका पांडे आलोक आजाद धीरेंद्र श्रीवास्तव विनोद उपाध्याय श्रवण कुमार उपाध्याय गिरीश दत्त मिश्रा आचार्य कमलेश तिवारी सहित अनेकों व्यक्तियों ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किया। रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा

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