ग्रामीणों एवं युवाओं ने 8 लाख की लागत से कराया शिव मंदिर का जीर्णोद्धार

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अपने आपमें कई इतिहास समेटे हैं भोलेनाथ का यह प्राचीन कालीन मंदिर

महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक एवं विशाल भंडारे का आयोजन

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत भवानीगढ़ में स्थित भोलेनाथ के प्राचीन कालीन मंदिर का  युवाओं एवं ग्रामीणों ने लाखों की लागत से जीर्णोद्धार कराकर भोलेनाथ के प्रति अटूट श्रद्धा की सच्ची मिसाल पेश की है। विदित हो कि भवानीगढ़ में गांव के पूरब दिशा में स्थित लखौरी ईंट से निर्मित करीब 400 वर्ष पुराना भोलेनाथ का प्राचीन कालीन मंदिर अपने आपमें कई इतिहास समेटे हुए हैं। जो बिल्कुल जर्जर हो चुका था। अंग्रेजी हुकूमत से पूर्व बने भोलेनाथ के इस मंदिर के जीर्णोद्धार का वीणा युवाओं एवं ग्रामीणों ने उठाया और एक कमेटी बनाकर आपस में धन एकत्रित करके करीब 8 लाख रुपए की लागत से मंदिर का जीर्णोद्धार कराकर मंदिर को एक नया मूर्त रूप दिया है। जीर्णोद्धार कमेटी के पिंकू सिंह, दीपू सिंह, मनीष कुमार शुक्ला, शिव मोहन, शर्मा, बिल्लू सिंह, श्रवण सिंह, चिन्गी सिंह, शिवम सिंह, राजकरन सिंह सहित लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि महाशिवरात्रि के पावन अवसर जीर्णोद्धार कमेटी एवं श्रद्धालुओं द्वारा प्रातः 8 बजे से अपरान्ह 1 बजे तक रुद्राभिषेक किया जाएगा। तत्पश्चात ग्रामीणों के सामूहिक सहयोग से विशाल भण्डारे का भव्य आयोजन किया जाएगा। शिव मोहन सिंह बताते हैं कि भोलेनाथ के इस प्राचीन कालीन मंदिर के प्रति ग्रामीणों की अटूट श्रद्धा है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत ग्रामीण भोलेनाथ के आशीर्वाद से ही करते हैं। मान्यता है कि भोलेनाथ की कृपा से श्रद्धालुओं की हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यही कारण है कि अंग्रेजी हुकूमत के पूर्व से लेकर आज तक भोलेनाथ के इस मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की अटूट श्रद्धा भक्ति देखने को मिलती है। महाशिवरात्रि के दिन तो काफी श्रद्धालु लेटकर परिक्रमा करते हुए मंदिर जाते हैं और भोलेनाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक करके मनोकामनाएं मांगते हैं।

श्री बरखण्ड़ीनाथ मंदिर में उमड़ेगा आस्था का सैलाब

शिवगढ़ क्षेत्र के प्राचीन कालीन श्री बरखण्डीनाथ मंदिर में वैसे प्रत्येक सोमवार को आस्था का सैलाब उमड़ता है किंतु सावन मास के सोमवार एवं महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। सुबह से शाम तक भोलेनाथ के जयकारों से समूचा मंदिर प्रांगण गूंजता रहता है। मान्यता है कि श्री बरखंडीनाथ मंदिर में शिवलिंग की किसी ने स्थापना नहीं की थी अपितु टीले की खुदाई में मिला था।

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