छात्राओं के लिए मेरी सुरक्षा,मेरी जिम्मेदारी कार्यशाला का हुआ अयोजन

6

लखनऊ- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ कैंपस, मल्हौर, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 81 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना ।

कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ कैंपस से प्रो (डॉ.) मंजू अग्रवाल, अध्यक्ष, छात्र कल्याण, डॉ प्राची श्रीवास्तव, सह प्राध्यापक, ए.आई. बी., डॉ रूपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं रेड ब्रिगेड से रूबी खान, यास्मीन बानो, सुष्मिता भारती ने दीप प्रज्वलित किया ।

हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ. रूपल अग्रवाल ने कहा कि आज इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में हमारे कुशल प्रशिक्षक आपको आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगे । ये गुर आपको किसी भी आपात स्थिति से निकलने में मदद करेंगे ताकि भविष्य में आप उन्हें उपयोग करके अपनी सुरक्षा कर सकें । आज मैं आप सभी से यह कहना चाहूंगी कि आपके जीवन में कोई भी परेशानी आए, आपको किसी भी विषम परिस्थिति से गुजरना पड़े, कभी निराश मत होना, कभी हार मत मानना । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हमेशा आपके साथ है | हम सब मिलकर आपकी समस्या का समाधान निकालेंगे ।

प्रो (डॉ) मंजू अग्रवाल ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि “हम सभी यहाँ आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग ले रहे हैं । कई बार हमें लगता है कि लड़कियाँ कमजोर होती हैं लेकिन हमें इस बात को गलत साबित करना है हमें यह दिखाना है कि हम सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत हैं एवं आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त करके हम और अधिक ऊर्जावान हो जाएंगे एवं महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे ।”

डॉ. प्राची श्रीवास्तव ने कहा कि, हमें आत्मरक्षा प्रशिक्षण की आवश्यकता क्यों है ? ऐसा इसलिए है क्योंकि आजकल की महिलाएं अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वीकार करने के लिए अधिक जागरूक हैं । वे आत्मरक्षा प्रशिक्षण की तकनीकों को सीखकर अपनी सुरक्षा स्वयं करने में सक्षम हो रही हैं । सेल्फ डिफेन्स को सीखने का महत्व इसलिए है कि इससे लोग सुरक्षित और आत्मनिर्भर महसूस करते हैं । हमें कभी भी शर्मिंदा नहीं होना चाहिए अगर हमारे साथ कोई अपराध कर रहा है । हमें स्थिति का सामना करने और अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए । मैं अपने इंस्टिट्यूट के छात्राओं से अनुरोध करती हूँ कि वे आत्मरक्षा प्रशिक्षण को प्राप्त करें क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा में वृद्धि होगी, और वे अपने आत्मविश्वास को भी बढ़ा सकेंगी ।

कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, “किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है , आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |”

आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका यास्मीन बानो, रूबी खान, सुष्मिता भारती ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |

कार्यशाला के समापन के बाद, छात्राओं ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि, “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस कार्याशाला से हमने स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए नए कौशल सीखे । यहाँ हमें ऐसी तकनीकें सिखाई गईं जो आगे चलकर हमारी सुरक्षा में मदद करेंगी ।”

कार्यशाला में एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस से प्रो (डॉ) मंजू अग्रवाल, डॉ. प्राची श्रीवास्तव, डॉ नेहा माथुर, डॉ प्रेक्षी गर्ग, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, यास्मीन बानो, रूबी खान, सुष्मिता भारती तथा एमिटी यूनिवर्सिटी एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही ।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

Anuj Maurya

Click