जगतपुर नेशनल हाईवे पर आवारा गोवंश का भयावह आतंक, एक व्यक्ति की मौत, कई गंभीर रूप से घायल

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राहगीरों और ग्रामीणों के लिए बन गया मौत का जाल, हाथ-पैर टूटने और गंभीर चोटों की घटनाएँ बढ़ींआखिर कब टूटेगी जिम्मेदार जिला प्रशासन की कुंभकर्णी नींद जिम्मेदारों की अनदेखी से बढ़ा संकट, नागरिकों ने सीएम योगी तक भेजा पत्रआवारा पशुओं को गोआश्रित स्थल भेजने की मांग तेज, नहीं उठाए गए तत्काल कदम तो बड़ा हादसा तय

जगतपुर, रायबरेली। जगतपुर -रायबरेली नेशनल हाईवे पर कस्बा में ही आवासीय जगहों पर आवारा गोवंश का आतंक इस कदर विकराल रूप ले चुका है कि रामकुमार मौर्य की जान चली गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। कस्बे निवासिनी सुशीला श्रीवास्तव नामक वृद्धा के दोनों हाथ कोहनी से टूट गए हैं और एक अत्यंत कमजोर वृद्धा गंभीर रूप से घायल हो गई है। छोटे बच्चे शिवा के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं और कई अन्य वृद्ध और राहगीर भी मवेशियों के हमले में घायल हुए हैं। इन घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में भय और दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। जगतपुर के स्थानीय नागरिकों का कहना है कि आवारा गोवंश अब सड़क पर चलने वालों के लिए जानलेवा बन गए हैं, क्योंकि लगातार मांग के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने लगातार इस गंभीर और ज्वलंत समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया। सबसे ज्यादा जानवरों से कहीं अधिक जिम्मेदार इंसान दोषी है। लोगों ने कई बार विकास खंड जगतपुर के बीडीओ, तहसील प्रशासन, पशु विभाग और जिला पशु चिकित्सा अधिकारी को कार्यालय जाकर सूचित किया, लेकिन इस गंभीर समस्या की तरफ लगातार अनसुनी के कारण यह संकट और विकराल होता जा रहा है।
जगतपुर के नागरिक एडवोकेट मनीष श्रीवास्तव, अनिल श्रीवास्तव, जितेंद्र कुमार, अखिलेश, रिंकू और मुन्ना सिंह ने जिलाधिकारी हर्षिता माथुर और पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह का इस ज्वलंत मुद्दे पर ध्यानाकर्षण कराते हुए आग्रह किया है कि आवारा पशुओं को कृपा करके शीघ्र निराश्रित गोस्थल में भेजा जाए, ताकि और भी निर्दोष नागरिकों की जान बचाई जा सके। नागरिकों ने चेताया कि अगर प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से शख्त कदम नहीं उठाया तो जगतपुर क्षेत्र के सैकड़ों नागरिक सड़क पर उतरकर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस गंभीर मामले में प्रशासनिक अनसुनी की शिकायत स्थानीय नागरिकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक को शिकायती पत्र भेजकर पूरी जांच और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की सुस्ती और कुंभकर्णी नींद के कारण योगी सरकार की प्रशासन किरकिरी कर रहा है और जिम्मेदार कतई इस मामले पर गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं। जगतपुर की सड़कें अब कस्बावासियों, राहगीरों, ग्रामीणों के लिए सुरक्षित नहीं प्रतीत लग रहीं हैं और आवारा जानवर रोजमर्रा के जीवन में मौत का जाल बुन रहे हैं। मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में जगतपुर स्थित अंदर का पुराना नेशनल हाईवे और कस्बा पूरी तरह आवारा जानवरों , सांड के आतंक के घेरे में है, और प्रशासन की निष्क्रियता के चलते हादसों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।

अनुज मौर्य/ एडवोकेट मनीष श्रीवास्तव

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