चित्रकूट मंडल में जनता की अदालत में गुहार

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  • मंडल मुख्यालय के जिला अस्पताल, एडी कार्यालय, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित सार्वजनिक स्थानों पर चिपके पोस्टर

  • पूर्व सांसद, विधायक, एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों के द्वारा लिखे गए पत्र व दायर मुकदमों के बाद कार्यवाही न होने के कारण अ चिकित्सकों ने चिपकाए पोस्टर

बांदा। मरीजों की जान बबचाकर दूसरे भगवान का दर्जा पाने वाले डाक्टर इन दिनों एक अलग तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं। आरोप है कि विभाग के उच्चाधिकारियों ने कुछ दलालों से अपनी सेटिंग कर रखी है। जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग के कर्मी परेशान हो रहे हैं। विभागीय अधिकारी, डीएम, सांसद, विधायक से गुहार लगाने के बाद जब दलालोें का खुला जारी है तो डाक्टरों ने अब जनता की अदालत में सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर चिपकाकर गुहार लगाई है। मंडल मुख्यालय के सरकारी कार्यालयों के साथ ही अन्य सार्वजनिक स्थानों पर यह पोस्टर देखकर लोग हैरत में हैं।

पोस्टर की इबारत को देखें ‘सावधान‘दलाल, ब्लैकमेलर एवं विभिन्न धाराओं का शातिर अपराधी रामबाबू श्रीवास तहसील नरैनी जनपद बांदा द्वारा चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को ब्लैकमेल करने पर कब होगी कार्यवाही को लिखकर मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग, सूचना आयोग,जिला जज, मंडलायुक्त,जिलाधिकारी व एसपी को स्वतः संज्ञान लेने के लिए कहा गया है।

इस पोस्टर में छपे 11 बिंदुओं में सवाल पूछें गए है कि जब विधायक प्रकाश द्विवेदी, पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा,पूर्व नरैनी विधायक राजनारायण कबीर,ने स्वास्थ्य परिवार कल्याण निदेशक को पत्र लिखकर कार्यवाही के लिए कहा तो आखिर यह बाहर क्यों है। इसके अलावा नरैनी थाने मेंदर्ज तीन मुकदमों की जानकारी भी देते हुए कहा गया कि मुकदमें 2005-2017-2022 में दर्ज हुए फिर भी पुलिस ने कार्यवाही क्यों नही की। प़त्र में एसडीएम नरैनी द्वारा लिखे गए पत्र का भी उल्लेख किया गया है। सबसे चैकानें वाली बात यह है कि इसके खिलाफ अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा महानिदेशक व डीएम को कई बार पत्र लिखा गया, पर पता नही कौन सी ताकत के कारण इसके खिलाफ कार्यवाही नही होती। पत्र में निवेदक के रूप में समस्त चिकित्सक व स्वास्थय कर्मी हैं साथ ही रामबाबू की फोटो भी छापी गई है।

इस पोेस्टर को लेकर जब पड़ताल की गई तो पता चला कि वास्तव में स्वास्थ्य विभाग दलालोें के मकड़जाल से उलझा पड़ा है। पूर्व में चंदौली सीएमओ रहे डा0 जीएस द्विवेदी, इस समय यहां पर मंडल के उप निदेशक के पद पर कार्यवाहक के रूप में कार्यरत हैं। कई चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि रामाबाबू व विपिन सक्सेना सहित अन्य दलाल अपर निदेशक व अन्य स्वास्थ्य कार्यालयों के कर्मचारियों व कुछ अधिकारियों के माध्यम से अपना नेटवर्क चलाते हैं। जब शिकायत की जांच के लिए पत्र आता है तो उसके पहले यह आरोपी के पास पहुंचकर सेटिंग का काम करने लगते हैं। अगर आरोपी इनसे बात करने से इंकार कर देते हैं तो यह लोग अपने पावर की दम पर सही को गलत ठहरवा कर अधिकारी से दंडि़त कराने का काम करते हैं।

कार्यवाहक अपर निदेशक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण वीएस द्विवेदी कहते हैं कि लेकिन उन्होंने दोनों दलालो को क्लीन चिट देते हुए कहा कि दोनों की शिकायतें सही होती है। आधे से ज्यादा शिकायतें राम बाबू और विपिन सक्सेना के द्वारा की जाती हैं। अब उनको क्या कहा जाएगा। यह आप ही तय कर लीजिए।

Sandeep Richhariya

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