जनता को समर्पित होंगी सिलौटा, चांदी बांगर व रैपुरा पेयजल परियोजना

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चित्रकूट। जल जीवन मिशन योजना का काम अंतिम पड़ाव पर है। इसमें तेजी लाने को अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे यस सुधाकरन द्वारा जल जीवन मिशन के कार्य दायी संस्था GVPR इंजीनियरिंग लिमिटेड तथा लार्सन एंड टूब्रो के इंटेकवेल, वाटर ट्रीटमेंट प्लान्ट तथा विद्युत कनेक्शन आदि के कार्यों का औचक निरीक्षण किया । सिलौटा, चांदी बांगर तथा रैपुरा पेयजल परियोजनाओं को विद्युत कनेक्शन का कार्य भी पूरा हो गया है ।

शनिवार को निरीक्षण के दौरान गुंता बाँध पर निर्माणाधीन GVPR के इंटक वेल पर कार्य गतिमान पाया गया। भौतिक प्रगति 70% पायी गयी.

प्रोजेक्ट मैनेजर, साइट इंजीनियर और आवश्यक श्रमिक गुंता बाँध पर कार्य करते हुए मिले। 15 मीटर सिंक में से 14.5 मीटर तक सिंक हो गया था। प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि.1-2 दिनों में सिंक का कार्य पूरा हो जाएगा। अप्रोच ब्रिज और इलेक्ट्रिक सब स्टेशन का शुरू कर दिया गया है।

एडीएम नमामि गंगे ने 10 नवंबर के पहले सब स्टेशन का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही साथ माह नवंबर में पेयजल परियोजना को प्रारंभ किए जाने हेतु दिन रात कार्य करने और श्रमिक संख्या बढ़ाए जाने को निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि समय और गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिया जाए।

जीवीपीआर के दूसरे निरीक्षण स्थल डब्ल्यू टी आर पर कार्य तेजी से हो रहा है यहां उन्हे प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि कार्य की भौतिक प्रगति 85% है….CLF, MCWR, फिल्टरहाउस, क्लोरीनबिल्डिंग, केमिकलहाउस, cascade aerator, प्रशासनिक भवन, स्टाफरूम, बाउंड्रीवाल, back wash, पम्प हाउस आदि का कार्य पूर्ण हो गया है….बाकी इलेक्ट्रिकल, फिनिशिंग तथा पेंटिंग आदि का कार्य अवशेष है। अवशेष कार्यो को 15 नवंबर तक प्रत्येक दशा में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।

इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल का सामान की आपूर्त कार्य स्थल पर अभी भी आना शेष है। एडीएम नमामि गंगे ने कार्य दायी संस्था GVPR के प्रोजेक्ट मैनेजर श्रीनिवास राव को 10 नवंबर तक प्रत्येक दशा में इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल आइटम की आपूर्ति मंगाकर लगवाने के कड़े निर्देश दिए। चेतावनी दी कि कार्य समय से नहीं होते तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद द्वितीय निरीक्षण स्थल कार्यदायी संस्था एल एन टी के सिलौटा पेयजल परियोजना के यमुना किनारे निर्माणाधीन वाटर ट्रीटमेंट प्लान्ट का निरीक्षण किया ।

निरीक्षण के दौरान मौके पर नोडल विभाग जल निगम के अधिशासी अभियंता, TPI के टीम लीडर, PMC के इंजीनीयर, सभी साइट इंजीनियर, आदि उपस्थित रहे. दोनों कार्य दायी संस्थाओं को दिए गए लक्ष्यों के अनुरूप कार्य करने और भौतिक प्रगति बढाने के सख्त निर्देश अपर जिलाधिकारी द्वारा दिए गए ।

जल जीवन मिशन भारत सरकार की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण परियोजना है जिसका लक्ष्य सभी ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पाइप पेयजल उपलब्ध कराना है। औचक निरीक्षण के दौरान उपस्थित कार्य दायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर को स्पष्ट चेतावनी दी गयी कि उक्त परियोजना को अगले माह में प्रारम्भ करायी जानी है, अतः गुणवत्ता, समय का विशेष ध्यान रखते हुए तेजी से पूर्ण कराया जाना है किसी के भी स्तर से लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाई करायी जायेगी।

रिपोर्ट  – पुष्पराज कश्यप 

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