संदीप रिछारिया (सीनियर एडिटर)
चित्रकूट। एक बार फिर जल्द ही पीएम मोदी चित्रकूट आ सकते है। इस बार वो यूपी के चित्रकूट नही बल्कि एमपी के चित्रकूट में आ सकते है। वैसे एमपी वाला चित्रकूट भाजपा के कार्यकाल में पवित्र नगर तो अब कांग्रेस के शासन में मिनी स्मार्ट सिटी हो चुका है। इस बार का पीएम का आगमन उन नानाजी के प्रकल्पों को पुनः देखने और समझने का होगा जिनकी वाह वाही वो भरतकूप में एक्सप्रेसवे के उद्धाटन में बोलते हुए कर चुके है।
शनिवार को गोंडा गाँव मे हेलीपैड के पास सेफ हाउस में राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख द्वारा सृजित ग्राम विकास एवं समाज मूलक प्रकल्पों को देखने का आश्वासन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन को दिया था। शनिवार को बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के शुभारभ के पूर्व श्री मोदी जी ने दीनदयाल शोध संस्थान के संरक्षक व वरिष्ठ प्रचारक मा.मदनदास देवी व श्री महाजन से अपने सेफ हाउस में मुलाकात की। इस दौरान काफी देर तक श्री देवी व श्री मोदी ने अपनी पुरानी यादे ताजा की। राष्ट्रऋषि नानाजी को भी बहुत देर तक दोनों याद कर उनके विराट व्यक्तित्व पर अपनी श्रध्दा प्रकट करते रहे।
श्री मोदी ने नानाजी के बोध वाक्य “हम अपने लिए नहीं, अपनों के लिए हैं और अपने वे हैं जो पीड़ित व उपेक्षित हैं।” को याद करते हुए श्री देवी जी से इस बारे में बहुत गम्भीरता से चर्चा की। उन्होंने कहा कि बोध वाक्य देना या उपदेश करना तो सरल है, किंतु उसे निरंतरता से जीना अत्यंत कठिन है। लेकिन नानाजी ने इसे पूर्णतः जिया। सत्ता का प्रस्ताव ठुकरा कर उन्होंने समाज कार्य का ऐसा रास्ता चुना जिस पर हर कोई नहीं चल सकता।
राष्ट्रऋषि नानाजी ने भारत माता की सेवा करने का प्रण लेकर संघ के स्वयंसेवक के नाते जीवन भर काम किया। ऐसे ही स्वयंसेवक मोदी जी भी रहे हैं। जब उन्हें अपने चित्रकूट प्रवास के दौरान पता चला कि मदन दास देवी चित्रकूट में ही है तो भारत माता की सेवा में रत, दो स्वयंसेवक जब मिलते हैं तो उनके मिलन की अनुभूति का वो क्षण अत्यंत आत्मीय होता है। प्रधानमंत्री जी ने अपने चित्रकूट प्रवास के एक दिन पूर्व दीनदयाल शोध संस्थान के संरक्षक मदन दास देवी के पास संदेश भिजवाया कि समयाभाव के चलते आपके पास आना नहीं हो पा रहा इसीलिए आप कार्यक्रम स्थल तक आ सकेंगे तो अच्छा लगेगा। श्रीदेवी अपने सहयोगी नवल जी और संगठन सचिव अभय महाजन के साथ कार्यक्रम स्थल पहुंचे। प्रधानमंत्री के सेफ हाउस में मुलाकात के वो क्षण इतनी आत्मीय अनुभूति के थे कि बातचीत करते-करते मोदी जी उनके बगल में जाकर बैठ गए और कुछ अपनी कहने लगे और कुछ उनकी सुनने लगे।
जाते समय मोदी जी ने श्री देवी से कहा मेरे लिए कोई आदेश तो उन्होंने हंसते हुए कहा “सबका साथ सबका विकास”।
इस दौरान संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन द्वारा रामदर्शन के चरण पादुका वाला चित्र एवं वैजयंती माला से प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया और पत्र देकर चित्रकूट पुनः आने का आमंत्रण दिया।
जिसमें अभय महाजन ने बताया कि मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों में स्थित चित्रकूट धार्मिक आस्था एवं श्रद्धा का केंद्र होने के साथ शिक्षा एवं चिकित्सा का भी बड़ा केंद्र है। जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु, शिक्षार्थी एवं मरीज व उनके परिजन आते हैं। इस क्षेत्र में पर्यटन की दृष्टि से विकास की अपार संभावनाएं हैं।
भारत रत्न नानाजी ने दीनदयाल शोध संस्थान के रूप में ग्रामीण विकास की एवं समाज कार्य की एक वृहद विरासत छोड़ी है, जिसे संस्थान के कार्यकर्ता समाज के सहयोग से आगे बढ़ाने हेतु प्राणपण से लगे हुए हैं।
नानाजी के जन्मशती वर्ष कार्यक्रम के तहत ग्रामजनों के कौशल प्रशिक्षण एवं सामुदायिक उपयोग हेतु एक अनूठे प्रयोग के रूप में “नानाजी श्रद्धा केंद्र” की परिकल्पना भारत सरकार के सहयोग से मूर्त रूप में आकार ले चुकी है, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी जी को आमंत्रित किया है कि एक बार पुनः चित्रकूट पधारकर संस्थान के प्रकल्पों का अवलोकन कर श्रद्धा केंद्रों का लोकार्पण करें।
इस पर प्रधानमंत्री जी ने श्री महाजन को आश्वस्त किया कि एक बार पुनः समय निकालकर चित्रकूट आएंगे और नानाजी के प्रकल्पों का भी अवलोकन करेंगे।