प्रशासन ने ट्रैक, टेस्ट और ट्रीट के लिए कसी कमर

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उत्तर प्रदेश की तरह रायबरेली में भी कोरोना संक्रमण जिले से निकल कर गांव की गलियों तक पहुँच चुका है। ऐसे में योगी सरकार की ट्रेक, ट्रेस और ट्रीटमेंट नीति के तहत जिला प्रशासन ने भी कमर कस ली है।

योगी सरकार की कोरोना पर पल पल हो रही मॉनिटरिंग के रिजल्ट भी सामने आने लगे हैं। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने ब्लाक स्तर पर टीम बनाकर शाशन की मंशा के अनुरूप नजर बनाई हुई है। उन्होंने स्वयं भी मैदान में उतरकर लोगो को जागरूक करने का मोर्चा संभाला हुआ है।

जनपद के हर ब्लाक में 5 दर्जन से अधिक निगरानी समितियां बनाई गई है। जनपद में कुल 1000 से अधिक बनी निगरानी समितियों में प्रत्येक में 3 से 5 सदस्य रखे गए हैं। सीएमओ ने बताया कि निगरानी समितियों में प्रमुख रूप से प्रशिक्षित आशा बहू और आंगनबाड़ी कार्यकर्तियाँ हैं। जिनको गांव की और वहां के लोगो की सामान्यतया अधिक जानकारी होती है। सीडीओ और सीएमओ द्वारा इनके पास पर्याप्त किट और जरूरी सामान मुहैया करवाया गया है। ये लोग गांव गांव जाकर लोगो को जागरूक करती है और संदिग्ध लक्षण होने पर उनकी जांच की भी जिम्मेदारी निभाती है।

इस टीम के अलावा जनपद के प्रत्येक ब्लाक में 3 और शहरी क्षेत्र में 4 आर आर टी टीम मौजूद है जिसमे फार्मासिस्ट, एएनम और डॉक्टर होते हैं। ऐसी 5 दर्जन से अधिक टीम जनपद के प्रत्येक गांव में 24 घण्टे काम कर रही है और लगभग 7 लाख लोगों की जांच कर चुकी है। इन टीमो द्वारा 500 से ज्यादा गांव की जांचे एक बार पूरी की जा चुकी है और लगभग इतने ही गांव में आज भी टेस्टिंग चल रही है।

इस टीम की जिम्मेदारी ये भी है कि अगर कोई व्यक्ति निर्धारित आयु वर्ग में टीकाकरण से वंचित रह गया है तो उसको ये टीका ही लगवाने के लिए न सिर्फ प्रोत्साहित करते है बल्कि उसको सहयोग देकर टीका भी लगवाते हैं। शाशन द्वारा की गई इस व्यवस्था में सबसे ज्यादा फायदा बुजुर्गों, असहाय और गरीब तबके के लोगो को हो रहा है।

हरचंदपुर के रामसजीवन ने बताया कि पहले हमें टेस्टिंग से डर लगता था किंतु अधिकारियों ने समझाया और हमने टेस्ट करवाया। बुखार की दवा डॉक्टर साहब ने दी और अब मैं पूरी तरह ठीक हो गया। लालगंज के रमेश बहादुर ने बताया कि मेरे बाबा को चलने में दिक्कत थी खांसी भी आ रही थी। कोरोना के डर से कही जा नही रहे थे डॉक्टरों की टीम ने घर पर ही इलाज कर के सही कर दिया। ऐसे ही कई मामले जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में देखने को मिलते हैं जहां असहाय लोगो को शाशन की नीति का फायदा मिल रहा है।

सोशल मीडिया पर चल रहे ऑक्सीजन की किल्लत के बारे में तीमारदार अवधेश से ने पूछने पर पता चला कि उनसे अधिकारी और डॉक्टरों ने बताया कि जनपद में 7 दिन की एडवांस ऑक्सीजन मौजूद है। और अब तक उनके पेशंट को कभी इसकी किल्लत नही हुई।

जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी सर्विस और पोस्ट कोविड वार्ड में लोगो की भीड़ देखते हुए डॉक्टरों की संख्या बढ़ाकर 3 गुना कर दी गई है। अधिकारियों की सक्रियता और सरकार की मॉनिटरिंग के चलते नये केस में 30 प्रतिशत की कमी आई है। जनपद के सभी एडीएम, एसड़ीएम, तहसीलदार के अलावा पूरा प्रशासन इस टेस्टिंग की बारीकी से निगरानी करता है।

Mahendra

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