जिले के ग्रामीण इलाकों में नहीं हो रही साल भर से सफाई, गंदगी से बज बजा रही है नालियां और सड़के

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जिले में गाँवो की सफाई व्यस्था हुई ठप्प, अधिकारी बना रहे हैं उच्च अधिकारियों को बेवकूफ

रायबरेली –जिले में गांवों की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में सफाईकर्मियों की नियुक्ति की गई है। बावजूद गांवों की सफाई व्यवस्था ठप है। कहीं नालियां बजबजा रही हैं तो कहीं नियमित कूड़ा का उठान नहीं हो पा रहा। सफाई कर्मचारियों की मनमानी का हाल यह है कि कई ग्रामीणों को यह भी नहीं पता कि उनके यहां तैनाती किसकी है और सफाई कब होती है।

सभी सफाई कर्मचारी सिर्फ ग्राम प्रधानों के घरों का चक्कर लगा कर अपने-अपने घरों को लौट जा रहे हैं। कई गांवों में प्रधानी कोटे से सीमेंटेड डस्टबिन का निर्माण भी कराया गया। लेकिन अब तक उसकी सफाई नहीं कराई गई। ऐसे में तमाम कूड़ा-कचरा अब डस्टबिन से बाहर उड़ने लगा है। ग्राम प्रधान से शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई न होना अपने आप में प्रधानों के उपर एक सवाल खड़ा कर रहा है। गांवों में नालियां बजबजा रही हैं, कचरा उड़ कर घर के दरवाजे तक पहुंच जा रहा है।

केस एक
राही ब्लॉक के लोधवारी ग्राम सभा में सफाईकर्मीयों की नियुक्ति तो जरूर है। उसके बावजूद पूरे गाँवो में गंदगी का अंबार है। ग्रामीण विजय शंकर पाठक, धर्मेंद्र कुमार, विनय यादव, हिमांशु पाठक, दीपक सिंह, आकाश कुमार आदि का कहना है कि सफाईकर्मी और ग्राम प्रधान को कई बार सफाई कराने के लिए बोला गया, मगर स्थिति जस की जस है। न कचरे का उठान हो रहा और न ही सफाई होती है।

शायद ही ऐसा कोई गांव हो जिसमें सफाई कर्मी कभी आते हो वही लालगंज पंचायत के अंतर्गत सेमरपहा ग्राम में भी बहुत बुरा हाल है यहां कभी न तो झाड़ू लगती है और न ही कभी नाली की सफाई ही होती है, सड़कों और नालियों पर कचरा पसरा रहता है। गांव के ही रहने वाले छोटेलाल, विजय, संतोष आदि का कहना है कि सफाईकर्मी की नियुक्ति तो हुई है। कभी सफाईकर्मी सफाई करने या कराने नहीं आता है। प्रधान से भी सफाई कराने के लिए शिकायत की गई है। उसके बाद भी सफाई नहीं हुई, बजबजाती नालियों से दिन रात दुर्गंध आती रहती है। हां यह जरूर है कि उच्च अधिकारियों को खुश करने के लिए संबंधित अधिकारी अपने कागजों पर सारा काम सही से हो रहा है यह जरूर दिखा रहे हैं..

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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