हाथरस रेपकांड में ज्ञापन लेने किसी अधिकारी के न आने पर जताई गई नाराज़गी

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वाराणसी। हाथरस में हुए जघन्य गैंगरेप हत्याकांड मामले में वर्षो बीत जाने के बावजूद न्याय न मिलने पर आक्रोश जताते हुए दखल संगठन की ओर से किया गया प्रदर्शन।

वाराणसी आज दिनांक 05 /03 /2023 दिन रविवार: प्रदर्शन के बाद हाथरस की बेटी को न्याय दिलाने के लिए ज्ञापन लेने कोई अधिकारी नही आया, प्रदर्शन स्थल पर एलआईयू के लोग लगातार कहते रहे कि अधिकारी आ रहे है ज्ञापन लेने मगर दोपहर तक बार बार बात करने के बावजूद कोई ज्ञापन तक लेने नही आया।

लैंगिक भेदभाव के खिलाफ काम करने वाले नारीवादी संगठन ‘दखल’ ने 2020 में हाथरस में दलित लड़की के साथ हुए इस दुखद और निर्मम काण्ड के खिलाफ पहल ली है। कचहरी वाराणसी स्थित अम्बेडकर पार्क पर महिलाएँ छात्राएँ और बनारस के नागरिक समाज के लोगों ने पीड़िता को न्याय दो, दोषियों पर कार्यवाही हो, महिला सुरक्षा सुनिश्चित करो, लैंगिक भेदभाव बंद करो, पितृसत्ता खत्म हो आदि नारे लिखे प्लेकार्ड लेकर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन स्थल पर सभा को सम्बोधित करते हुए डा. इंदु पांडेय ने कहा की हम सबको याद करना चाहिए की 2020 में सितंबर महीने में एक शर्मनाक और नृशंष घटना घटी थी। हाथरस में 14 सितंबर 2020 को एक दलित लड़की के साथ गैंग रेप की घटना सामने आई।

मीडिया खबरों में हमने देखा की खराब हालत में लड़की को दिल्ली स्थित सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घटना के करीब 15 दिन बात 29 सितंबर को पीड़ित लड़की की मौत हो गई।

इसी मामले में गुरुवार को एससी-एसटी कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में लव-कुश, रामू और रवि नाम के आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने एक आरोपी संदीप को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उसे 304 और एससी एसटी एक्ट में दोषी पाया है।

अगली वक्ता नीति ने कहा हाथरस का पीड़ित परिवार कह रहा है कि उन्हें न्याय नहीं मिला। 8 मार्च को विश्व महिला दिवस के दिन हमारा समाज महिला सशक्तिकरण की खोखली बातें करेगा लेकिन लैंगिक भेदभाव यौन उत्पीड़न की घटनाओ पर चुप्पी साधे रहेगा। कोर्ट के फैसले पर पीड़ित परिवार ने असहमति जताई है। पीड़ित परिवार के साथ उच्च न्यायालय में आगे की लड़ाई में हम एकजुटता प्रदर्शित करते हैं।

दखल संगठन की ओर से शालिनी ने बात रखते हुए कहा की पुलिस ने गैंगरेप पीड़िता की दुखद मौत के बाद पीड़ित परिवार को बताए बिना ही युवती का अंतिम संस्कार किया गया। मीडिया को जाने से रोका था साथ ही सामाजिक राजनैतिक लोग जो हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने जाना चाहते थे उन्हें भी अलोकतांत्रिक तरिके से रोका था।

पारमिता ने कहा कि बिलकिस की हाथरस की उन्नाव कठुवा आदि की बात करनी आज बेहद जरूरी है। साथ ही आज होली जब हम मना रहे है तो इस समय तेज आवाज में बज रहे अश्लील गानों और गाली गलौज जिसमे दो पुरुष अपने बीच की लड़ाई में मां बहन को बीच मे ले आते हैं, का भी विरोध करना होगा। ये कैसा समाज हम बना रहे हैं, हमे चिंता करने की जरूरत है।

महिला मुद्दों पर अपने समाज के हालत बद से बदतर होता जा रहा है। गुजरात का उदाहरण लें तो बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या करने वाले बेख़ौफ़ घूम रहे हैं। उन्नाव कठुवा आदि क्षेत्रो के नाम नहीं रह गए हैं , बल्कि ये जगह अब महिला उत्पीड़न बलात्कार की घटनाओ के लिए याद रखे जा रहे है।

भदोही में अभी हाल में ही एक छात्रा को उसके साथ पढ़ाई करने वाले युवक ने प्रेम प्रस्ताव दिया। प्रस्ताव अस्वीकार करने पर लड़की की गोली मारकर हत्या कर दिया। दो दिन पूर्व बनारस में ही एक बच्ची सुबह फोन रिचार्ज करने निकली, देर रात उसकी लाश मिली। बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में आए दिन महिला उत्पीड़न और भेदभाव की खबरे आ रही है। ये सब देखना भोगना बेहद बुरा है।

प्रदर्शन स्थल पर एलआईयू के लोग लगातार कहते रहे कि अधिकारी आ रहे है ज्ञापन लेने मगर दोपहर तक बार बार बात करने के बावजूद कोई ज्ञापन तक लेने नही आया। प्रदर्शनस्थल पर इस बात पर नाराजगी व्यक्त करते हुए नंदलाल मास्टर ने कहा कि हाथरस पीड़िता का शवदाह देर रात बिना उसके परिजनों को बताए प्रशासन द्वारा कर दिया गया।

यही प्रशासन दिन में उसी अन्याय पर एक ज्ञापन तक लेने नही आ पा रहा है। ये शासन प्रशासन के लोग जनता के प्रति लोकतंत्र के प्रति अपनी कोई जवाबदेही समझते है या नही ? कोई अदना सा मंत्री बनारस आता है तो विश्वनाथ मंदिर के दर्शन कराने आवभगत करने में पूरा प्रशासनिक महकमा लग जाता है, बाकी दिन के उजाले में जनता के किसी जरूरी सवाल पर ज्ञापन लेने तक नही आना एक दुखद और गैर जवाबदेह स्थिति को दर्शाता है।

G20 की बैठक में दुनिया भर का मिडिया और राजनेता हमारे देश की में आए हुए है। सोचिये लगातार ऐसी घटनाए कैसी छवि बना रही होगी हमारी ?

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से नीति, नन्दलाल मास्टर, महेंद्र, सोनी, सानिया, शालिनी, विनय सिंह, मूसा, सना, रामधीरज, संतोष, सुरेश, राजकुमार गुप्ता, फादर आनंद, अश्वनी, रणधीर, राहुल, पारमिता, सुरेंद्र आदि मौजूद रहे।

राजकुमार गुप्ता

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