डेरा डालकर रहने वाले लोगो के बिना जाँच किये कैसे बना दिए गए आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, एसडीएम ने दिए जाँच के आदेश

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बेलाताल (महोबा)रेलवे स्टेशन के आसपास दो सैकड़ा संदिग्ध लोगों के नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज होने और उनके आधार कार्ड बनने पर हिंदूवादी संगठनों की शिकायत तहसीलदार कुलपहाड़ को सौंपी गई है, ऐसे संदिग्ध लोगों को अचानक मनरेगा और नाली सफाई के कार्यों में मजदूरी कराने के नाटक से मामला और पेचीदा हो गया है,देखना यह है जांच पूरे तह में जाकर होती है या इन लोगों को पहले की तरह घुमंतू प्रजाति का बताकर लीपापोती कर दी जाएगी,
बांग्लादेश में सनातनियों के साथ हुई लूटपाट और मारकाट के बाद भारत में जिस समय ऐसे छिपे लोगों को शहरों से खदेड़ा जा रहा था ठीक उसी समय जैतपुर में दर्जन भर लोग स्टेशन के आसपास बस गए,अपने को दलित समुदाय और नट जाति का बता डेरा जमा लिया, एक माह के अंदर एक एक कर दो सैकड़ा लोगों का कुनबा हो गया, वोट की राजनीति के चलते
जल्द ही स्थानीय नेताओं का इन्हें संरक्षण प्राप्त हो गया,
जैतपुर के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ने ऐसे सभी लोगों की परिवार रजिस्टर की नकल जारी कर दी, स्थानीय नेताओं ने इनके आधार कार्ड एवं निवास प्रमाण पत्र भी बनवा
मामला संज्ञान में आने पर महोबा के हिंदूवादी संगठनों के नेताओं ने शिकायत कर जांच कराने को आवाज उठाई,गहन जांच के बजाय स्थानीय पुलिस ने फोन पर उनके परिजनों से वार्ता कर उनके रोहिंग्या या बांग्लादेश का न होने की पुष्टि कर मामला ठंडा करने का प्रयास किया..


स्टेशन के आसपास डेरा बना रहने वाले लोग कौन है,कहां के है? इससे किसी को कोई सरोकार नहीं था, बस दो सौ वोट उनके बढ़ जाए इसके लिए स्थानीय विपक्षी नेताओं ने सब कुछ ताक पर रख दिया,आने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर जैतपुर में सरगर्मी तेज हो गई है,समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का पुत्र जैतपुर में सचिव पद पर तैनात है, सो अपने नजदीकी को फायदा पहुंचाने को उसने ऐसे सभी लोगों के नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज कर दिए, नियम के तहत खुली बैठक में नाम दर्ज करने का प्रावधान है, इसके लिए पूर्व की पंचायत/ नगर से नाम पृथक होने का प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य है, पर ऐसा नहीं किया गया था, बताया गया कि परिवार रजिस्टर की नकल सचिव का प्राइवेट आदमी उनके निर्देशन में तैयार करता है, और हस्ताक्षर सचिव बनाते हैं।


रेलवे स्टेशन के पास विद्युत सबस्टेशन के बगल में गांव सभा की पहाड़ व चारागाह सुरक्षित भूमि पर अनाधिकृत रूप से सैकड़ों लोगों ने अस्थाई निर्माण कर अवैध कब्जा जमा लिया,एक माह बीत जाने के बाद भी तहसील प्रशासन द्वारा सुरक्षित लैंड से कब्जा हटाया जाना उचित नहीं समझा गया।


एसडीएम अनुराग प्रसाद ने जांच तहसीलदार परमीत सचान को सौंपी है, श्री सचान कहते है खुली जांच की जाएगी, यदि कोई भी दोषी पाया गया तो प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
गांव के दो दर्जन से अधिक लोगों के हस्ताक्षर युक्त एसडीएम को दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया कि यह लोग विदेशी मूल के है,इनकी नागरिकता का गहराई से सत्यापन किया जाए।

राकेश अग्रवाल रिपोर्ट

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