तो खाद में चलता है गेटिंग सेटिंग का लंबा खेल

28

रिपोर्ट – एडवोकेट अशोक यादव

महराजगंज (रायबरेली) । क्षेत्र का किसान कोरोना काल में भी अबकी बार धान की अच्छी उपज से भविष्य को लेकर आशान्वित था। लेकिन यूरिया खाद की किल्लत व कालाबाजारी से किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हैं। जहां सहकारी समितियों व एग्रीजंक्शन सेंटरों पर यूरिया की प्रर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है, वहीं जिम्मेदारों ने प्राइवेट दुकानदारों को खुलेआम लूटने का लायसेंस दे रखा है। इसका फायदा उठा प्राइवेट खाद विक्रेता मंहंगी खाद बेंचकर किसानों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। यूरिया की किल्लत व कालाबाजारी ने किसानों की कमर तोड़ दी है।

बताते चलें कि धान रोपाई के बाद से ही क्षेत्र की समितियों व एग्री जंक्शन सेंटरो पर यूरिया खाद न होने से क्षेत्र के किसान यूरिया खाद के लिए दर-दर भटकनें को मजबूर हैं। जिसके चलते बाजारों मे प्राइवेट खाद विक्रेता इसका जमकर फायदा उठाते हुए किसानों को 266 रुपये/बोरी मे मिलने वाली यूरिया 350-400 रुपये में खुलेआम बेंच रहे हैं।ऐसे में जहां यूरिया की कमी की वजह से किसानों की फसल खराब होने की कगार पर है तो वहीं जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्णी नींद सो रहे हैं। क्षेत्र के एक प्राइवेट खाद विक्रेता ने नाम न छापने की शर्त पर हमारे संवाददाता को बताया कि हम लोगों की नीचे से लेकर ऊपर तक सेटिंग होती है। हम लोग 100-150 बोरी यूरिया खाद लाते हैं व एक से दो घण्टे में क्षेत्रीय किसानों को मंहंगे दामों में बेंच देते हैं।ऊपर तक सेटिंग होने के कारण यूरिया बिक्री के समय छापा नहीं पड़ता है और अगर किसी ने शिकायत भी कर दी तो छापेमारी उस समय होगी जब दुकानदारों के पास खाद की एक बोरी भी नहीं होगी। अगर इस दुकानदार की मानें तो विभागीय जिम्मेदारों की वजह से ही क्षेत्र में यूरिया खाद की कालाबाजारी का धंधा जोरों से फल फूल रहा है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार..

जिले में यूरिया प्रर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। समितियों पर यूरिया खाद उपलब्ध कराई जा रही है।

जिलाधिकारी महोदय के निर्देश पर उपजिलाधिकारी द्वारा तहसील कर्मचारियों की मौजूदगी में यूरिया खाद का वितरण कराया जा रहा है।

रवीचंद्र प्रकाश
जिला कृषि अधिकारी, रायबरेली

Click