दलित, मुस्लिम,  ब्राह्मण, वोटर बिगाड़ सकते हैं शतरंज के खिलाड़ियों के गणित

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त्रिकोणीय मुकाबले में फंसा संसदीय सीट का चुनाव, मतदाताओं की चुप्पी बढ़ा रहीं प्रत्याशियों की बेचैनी।

भाजपा ने तीसरी बार पुष्पेंद्र को बनाया उमीदवार तो बीएसपी ने ब्राह्मण और इंडिया गठबन्धन ने लोधी चेहरे पर खेला दांव।

महोबा ,  लोकसभा 47 संसदीय सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है। अबकी बार के चुनाव में मतदाताओं की चुप्पी प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ा रहीं है। क्योंकि प्रत्याशी गाड़ी का काफिला लेकर गांव-गांव की खाक जरूर छान रहे हैं पर सही मायने में देखा जाए तो चुनाव में वह रंग पहले जैसा दिखाई नहीं पड़ रहा है क्योंकि पहले चुनाव पर प्रत्याशी बच्चों के लिए बिल्ला टोपी लेकर गांव-गांव पैदल घूम कर लोगों को अपने पाले में लाने के लिए लगे रहते थे और लाउडस्पीकर से रात दिन प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने के लिए लोकगीतों की धुन बजाकर प्रत्याशी अपने मतदाताओं को लुभाने का काम करते थे पर बदलते दूर पर सोशल मीडिया ने इन सब की जगह ले रखी है जिससे आज के तौर पर पूरी तरीके से प्रतीत नहीं हो पा रहा है कि कौन से प्रत्याशी का पलड़ा भारी है इसलिए पार्टी प्रत्याशी जनता को अपने पाले में लाने के लिए 40  डिग्री सेल्सियस तापमान में एडी चोटी का जोर लगाए हुए गांव और शहर की खाक छान रहे है।

वही हम आपको बता दें कि आने वाले समय में जीत का ऊंट किस करवट बैठ जाए यह आने वाला समय ही बताएगा पर इस बार त्रिकोणी मुकाबला होने के बावजूद भी हाथी अपनी सूंड को बढ़ाकर इतना लंबा ना कर दिए की कमल का फूल ऊंचाइयों में ना पहुंच सके यहां तक की साइकिल भी किसी से काम नहीं है पर इन सब के बावजूद भी कहानी ब्राह्मण मुस्लिम दलित गठजोड़ खेला ना कर दे क्योंकि यह तीन लोग  एक ऊंट पर सवार हो गए तो 10 साल की मेहनत पर पानी फिरने में देर नहीं लगेगी इस समय प्रत्याशी की नजर इन्हीं वोटो के ऊपर है और यही तीनों लोग निर्णायक भूमिका कर सकते हैं इसलिए लगातार समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी ,और भाजपा ,दलित मुस्लिम और ब्राह्मण को अपने-अपने पाले में करने के लिए तीनों पार्टिया जी जान लगाकर रात दिन एक कर रही है और अपने पाले में इनको लाने के लिए कड़ी मकसद करते प्रत्याशियों को देखा जा सकता है वही हम आपको बता दें कि  2024 का चुनाव त्रिकोणीय मुकाबले में फंसा हुआ नजर आ रहा है। जैसे 2014 और 2019 में जो एकतरफ़ा लहर थी अब वह  देखने को भले ही ना मिल रही हो पर दलित मुस्लिम और ब्राह्मण तीनों अगर फिर दोबारा विश्वास करके कमल की महक लेने लगे तो खेला होने में देर नहीं लगेगी इसलिए लगातार त्रिकोणी मुकाबले मैं प्रत्याशी जी जान लगाकर दलित ब्राह्मण और मुस्लिम को अपने -अपने पाले  में लाने के लिए 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में गरीब घर के मटके का ठंडा पानी पी रहे हैं और निर्दलीय प्रत्याशियों से लेकर तीनों दाल के प्रत्याशी जी जान लगाकर जनता जनार्दन के पास पहुंच रहे हैं।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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