नहीं मिली एम्बुलेंस ! रिक्शा ट्रॉली में लाद पति को अस्पताल लेकर पहुंची पत्नी

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कौशाम्बी| जनपद की सोशल मीडिया में बृहस्पतिवार को एक तस्वीर वाइरल हुयी है। तस्वीर में एक महिला रिक्शा ट्रॉली पीछे बदहवास की चल रही है। रिक्सा ट्राली में एक बीमार व्यक्ति लेटा हुआ है। बताया जा रहा है कि तस्वीर दिख रही महिला अपने बीमार पति का इलाज कराने सरकारी अस्पताल लेकर जा रही है। आरोप है कि लॉक-डाउन की हालत में उसे एम्बुलेंस सुविधा नहीं मिली। 
 
मिली जानकारी के अनुसार वाइरल तस्वीर में दिख रही महिला, रिक्सा ट्राली व् उस पर लेटा बीमार शख्स चक सैनी गांव के रहने वाले है। ट्राली में लेटा शख्स महिला का पति है जो गंभीर बीमार होने के चलते खुद से अस्पताल तक नहीं पहुंच सकता है। तस्वीर में दिख रही महिला से बात करने पर उसने अपना नाम तो नहीं बताया, लेकिन इतना जरुर कहा एम्बुलेंस मिली होती तो का हम गरीबन का शौख लगी है मुसीबत मा ठेला पर लाद के आदमी का इलाज करावै लै जाइ। रुपया नहीं है 100 रूपया में ट्राली वाला तैयार भा है। 
 
ठेले पर बीमार पति के इलाज को ले जाने की तस्वीर वाइरल मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि उन्हें इस तरह के किसी मामले की जानकारी नहीं है। यदि ऐसी घटना है तो प्रकरण की जाँच करा कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। 
 
जाँच के बाद कार्यवाही क्या होगी यह तो समय बताएगा, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि तस्वीर जिस तहसील, थाना व जनपद से वाइरल हो रही है। उस इलाके के मौजूदा समय में जनप्रिय नेता प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या है।  
 
सामने आ चुकी ऐसी तस्वीरें 
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सैनी थाना इलाके में महिला द्वारा अपने बीमार पति को इलाज कराने को ठेले पर ले जाने की घटना कोई नहीं है। इसके पहले भी जनपद में तस्वीर और वीडिओ वाइरल हो चुका है। 
पहली घटना, जिला अस्पताल में अपने बीमार बेटे का इलाज कराने पहुंचे पिता को उस समय अपने बेटे की लाश अपने कंधे पर लेकर घर जाना पड़ा जब स्वास्थ्य महकमे ने उसे शव वहां नहीं मुहैया कराया। मामला इतने पर रुक जाता तो शायद सवाल न खड़े होते। 
 
दूसरी घटना भी जिला अस्पताल की है जहाँ इलाज को लेकर आये परिजनों को मरीज की मौत के बाद उसकी लाश को बाइक से लाद कर ले जाना पड़ा। 
 
तीसरी घटना जिला मुख्यालय की है जहाँ बीमार शख्स को एम्बुलेंस न मिलने पर ठेले पर लाद कर अस्पताल पहुंचे थे परिजन।   
 
चौथी घटना जिला अस्पताल के एक डाक्टर ने मरीज के परिजनों से अवैध रकम लेकर मरीज का इलाज अपने चाहते निजी अस्पताल में ऑपरेशन कर किया। इसके बाद मरीज को जिला अस्पताल में शिफ्ट कराने को एक अदद एम्बुलेंस भी नहीं मुहैया कराई। मजबूरन परिजनों को मरीज को चादर में लपेट कर पैदल ही जिला अस्पताल के वार्ड तक पहुंचना पड़ा। 
 
तीन सालो में बदहाल हेल्थ सिस्टम में नहीं आया बदलाव 
सोशल मीडिया में मरीज को बिना एम्बुलेंस के सरकारी अस्पताल लेकर जाने का मामला कौशाम्बी के लिए कोई नया नहीं है। जनपद में पिछले तीन सालो में 3  अधिक घटनाये इस तरह की सामने आ चुकी है। जिसको मीडिया में दिखा कर सिस्टम की बदहाली की कहानी जनता के सामने रखी। मामला तूल पकडा तो अफसर जाँच के नाम पर कार्यवाही का ऐसा दावा करते है जैसे कार्यवाही में लापरवाह कर्मी बचेगा ही नहीं, लेकिन हकीकत में अब तक हुयी इस तरह की घटनाओ में किसी की जिम्मेदार की जवाब देहि तय नहीं हो सकी है। जनपद में जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ढाई साल से ज्यादा समय से बदहाल सिस्टम को सुधारने की कोसिस में लगे है। जनता में सरकारी हेल्थ सिस्टम का विश्वास कायम करने को वह खुद अपनी पत्नी अंकिता राज का संस्थागत प्रसव करा चुके है। जिसकी चर्चा सत्ता और प्रशासनिक गलियारे में खूब हुयी थी। 
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