गरीब बच्चों के प्रवेश के लिए निजी स्कूलों की सीटें बढ़ाने को सीएम योगी से उठी माँग

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  • यूपी RTE पोर्टल में वाराणसी में नामचीन प्राइवेट स्कूलों की सीटें फुल

  • नामचीन प्राइवेट स्कूलों पर सीटों की संख्या छुपाने का आरोप

  • पोर्टल पर आवोदन करते समय नामचीन स्कूलों की सीटें दिखती हैॆं फ़ुल

    वाराणसी। प्राइवेट स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा के लिए गरीब बच्चों का निजी स्कूलों में प्रवेश को स्कूलों की सीटें बढ़ाने प्रक्रिया सहज बनाने व आवेदन पोर्टल की गड़बड़ी दूर करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सीएम योगी को कई बार शिक्षाधिकारियो के माध्यम से पत्रक सौंपा था, लेकिन आजतक कुछ नहीं हुआ।

    बता दें कि गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा मिल सके, इसके लिए देशभर में राइट टू एजुकेशन अधिनियम 2009 में लागू किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी सहित उत्तर प्रदेश में राइट टू एजुकेशन के तहत प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश के लिए 30 हज़ार से अधिक सीटों की संख्या घट गई है। उत्तर प्रदेश में तीन साल पहले के अपेक्षा इस साल प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए रिजर्व सीटों से 30 हज़ार से अधिक सीटें कम है।

    तृतीय चरण के आवेदन प्रक्रिया शुरू है: आरटीई के तहत 30 हजार सीटों के घटने पर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में आरटीई के तहत 2023 -24 के लिए तृतीय चरण में आवेदन की प्रक्रिया 20 अप्रैल से शुरू हो गई है। 25 जून को आरटीई में प्रवेश के लिए अंतिम चरण का लाटरी निकाला जाएगा।

    25 फीसद सीटों पर गरीब बच्चों को आरटीई के तहत एडमिशन देना है। प्रवेश: राइट टू एजुकेशन के तहत प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश के लिए 25 फीसद सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित रखनी है। शिक्षा विभाग के आरटीई पोर्टल पर सीट घटने पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

    बता दें कि उत्तर प्रदेश आरटीई पोर्टल में नामचीन प्राइवेट स्कूलों की सीटें कम होने से पहले चरण मे ही सीटें फ़ुल हो गई थी। पहले चरण में सीटों के कम होने से 25 प्रतिशत कोटा फुल होने से द्वितीय व तृतीय चरण में आवेदन नहीं होने से गरीब बच्चों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है। नामचीन प्राइवेट स्कूलों के 25 प्रतिशत कोटा आरटीई में सीटों के घटने से पहले चरण में ही सीटें फ़ुल होने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. हिमाद्री ट्रस्ट के प्रमुख राजकुमार गुप्ता ने पोर्टल पर फ़ुल दिख रही नामचीन प्राइवेट स्कूलों की कम सीटों पर शिक्षाधिकारियो के समक्ष कई बार आपत्ति जताई है।

    उत्तर प्रदेश अभिभावक संघ ने भी सीटें घटने का विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष अधिवक्ता हरी ओम दुबे ने खड़े किए सवाल: दुबे ने कहा “शिक्षा विभाग के आरटीई पोर्टल पर सीटें कम दिखाई दे रही है। तीन वर्ष पहले की अपेक्षा लगातार तीसरे वर्ष भी सीटें कम दिखाई दे रही है। इस साल भी उतने स्कूलों से अधिक स्कूलें संचालित हैं, लेकिन सीट में आखिर अंतर क्यों आ रहा है। राइट टू एजुकेशन के तहत पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई का खर्च राज्य और केंद्र सरकार वहन करती है। ऐसे में सीटों की संख्या कम होने के कारण प्रदेश के 30 हजार गरीब बच्चों की पढ़ाई का सपना पूरा नहीं हो पाएगा। शिक्षा विभाग को इस पर जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए।

    इस मुद्दे पर शिक्षा विभाग का भी पक्ष सामने आया है। वाराणसी के आरटीई नोडल अधिकारी राहुल चतुर्वेदी ने बताया कि ” आरटीई की सीटें घटाई नहीं गई है। शहरी क्षेत्रों के साथ विगत तीन साल से ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऑनलाइन आवेदन शुरू होने से आरटीई पोर्टल में कई स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था, जिसके कारण सीटें कम दिख रही हैं। आरटीई पोर्टल में स्कूलों के रजिस्ट्रेशन के लिए कई बार पोर्टल खोला गया था। इसके साथ ही प्राइवेट स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वह अनिवार्य रूप से आरटीई पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाएं। द्वितीय चरण में 40 से अधिक स्कूलों ने पंजीकरण कराया है। शेष स्कूलों को भी पंजीकरण कराने हेतु निर्देशित किया गया हैं और कई स्कूल बंद भी हो चुके हैं।

    क्या कहना है उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षक संघ का: संघ के प्रदेश प्रवक्ता जय करन यादव ने कहा “आरटीई की सीटों की वास्तविक स्थिति देखें तो सीटें कम नहीं हुई है। बड़ी संख्या में स्कूलों ने पोर्टल में जानकरी नहीं भरी है. इसलिए आंकड़ा कम दिखा रहा है. जब प्राइवेट स्कूल अपनी वास्तविक संख्या पोर्टल में भरेंगे, तब पता चलेगा कि पहले कितनी सीटें थी और अब नए आकड़ों के अनुसार सीटें कितनी होंगी। पुराने आफलाइन आवेदन के नियम के अनुसार स्कूल अपनी सीटों की संख्या खुद बताते थे। उस हिसाब से एडमिशन होता था। बेसिक शिक्षा विभाग ने नियम बदल दिया। साल 2022-23 में स्कूल में जो कक्षा 1 में सामान्य एडमिशन हुआ है, उसे आधार बना कर 2023-24 सत्र के आंकड़ें भरे जा रहे हैं।

    12 मई तृतीय चरण आवेदन की अंतिम तिथि: बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए टाइमटेबल के अनुसार राइट टू एजुकेशन के लिए तृतीय चरण ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 12 मई तय की गई है।

    13 मई से 23 जून तक आनलाइन आवेदन का सत्यापन कर उन्हें लाक करने, 25 जून को लाटरी निकालने और 5 जुलाई तक निजी स्कूलों में प्रवेश देने की तारीख निर्धारित की गई है।

    आरटीई नोडल अधिकारी राहुल चतुर्वेदी ने शीध्र सभी बिंदुओं पर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।

    राजकुमार गुप्ता
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