आत्मनिर्भर बना सकती है नींबू की बागवानी

2723

रिपोर्ट – दुर्गेश सिंह

लखनऊ । प्रतिदिन प्रदेश के कोने कोने से किसानों का आगमन नींबू की बागवानी देखने और सीखने, रायबरेली जनपद में लेमन मैन रायबरेली के नाम से प्रसिद्ध आनन्द मिश्रा की नींबू की बागवानी देखने के लिए किसानों का आगमन होता रहता है गोंडा, बस्ती, बहराइच, कानपुर, बरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अयोध्या, लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, उन्नाव सहित कई जिलों से किसानों का आगमन होता रहता है कोरोना महामारी को देखते हुए भी लोगों का पलायन गांव की तरफ हुआ है और वह लोग गांव में ही रोजगार ढूंढ रहे हैं।

नींबू की बागवानी एक अच्छे रोजगार का जरिया हो सकती है। केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की भी मंशा है कि लोग आत्मनिर्भर बने नींबू की बागवानी लोगों को आत्मनिर्भर बना सकती है। जरूरत है नेचुरल बागवानी करने की उसको समझने की सीखने की तो इसके लिए आनन्द मिश्रा सदैव तैयार है। किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए हमेशा तत्पर है। अगर किसान 1 से 2 एकड़ थाई सीडलेस नींबू लगाता है, नींबू की बागवानी करता है तो उसकी आमदनी बढ़ सकती है, आमदनी को डबल कर सकता है। आज प्रदेश के युवा खेती बारी के मामले में आनन्द मिश्रा को अपना रोल मॉडल मानने लगे हैं। मानसून का सीजन आने वाला है जिसमें कि पौधे का रोपण होगा। पौधे का रोपण हो जाने के बाद दूसरे और तीसरे साल से इसमें फल आने लगते हैं। नेचुरल बागवानी करने पर इसके पेड़ लगभग 30 साल तक चलते हैं। तो आइए बागवानी देखिए और समझिए और करिए और आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में अपना अमूल्य सहयोग दें।

खेती किसानी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है,और इसे मजबूत करने की जरूरत है, समृद्ध किसान देश को बहुत मजबूती प्रदान कर सकता है।

2.7K views
Click