पनवाड़ी में बालू खनन को लेकर दो पक्षों में झड़प, जमकर चले लाठी डंडे

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– पनवाड़ी में बालू माफियाओं के आतंक से त्रस्त हैं पनवाड़ीवासी

– बेकाबू बालू माफिया पनवाड़ी के परिस्थितिकी तंत्र को पहुंचा रहे भारी नुकसान

महोबा ,  ग्रामीण क्षेत्रों में निजी भूमि को समतल और उपजाऊ बनाने की होड़ में पैसा कमाने की चाह बालू खनन माफियाओं को लुभाती रहती है। पनवाड़ी में वैद्य बालू खनन की आड़ में अवैध खनन कर रहे माफिया आए दिन अपनी दबंगी के लिए चर्चा में बने रहते हैं। बीते रविवार के दिन खनन विवाद को लेकर दो पक्ष आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों के बीच कहासुनी व गाली गलौच के बाद बात इतनी बढ़ गई कि दोनो तरफ से जारी रहे संघर्ष में चार लोग घायल हुए बताए जा रहे हैं। पुलिस ने तहरीर मिलने पर कार्रवाई की बात कही है।

बता दें कि पनवाड़ी के स्योड़ी, बराना, नगाराघाट, सिलालपुर आदि गांवों में बालू पट्टों में खनन को लेकर अधिकतर मारामारी मची रहती है। जानकारी के मुताबिक सिलालपुर बालू खदान में सत्यम, गौरव का मुश्ताक अली व उसके साथी से विवाद हो गया। जिसमें दोनों पक्षों के दो दो लोग घायल हो गए। जिनको सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। गौरतलब है कि बीते माह 21 मार्च के दिन किशोरीलाल की बालू खदान में तीन लोगों को बंधक बनाकर पीटने और जानमाल की धमकी देकर बंदूक की नोक पर  वीडियो बनाने का मामला उजागर हुआ था। हालांकि मामले में तीनों लोग पत्रकार बताए जा रहे थे, जिन्होंने घटना के संबंध में किसी प्रकार की कोई तहरीर नहीं दी।

जिसके बाद बालू माफियाओं के हौसले और बुलंद हो गए।
यूपी के गैर जनपदों और महानगरों से पधारे बालू व्यवसाई कब बालू माफिया बन बैठे जिला प्रशासन व जनपदीय पुलिस को इस बात की कानों कान ख़बर नहीं हुई, जबकि समाचार पत्रों में आए दिन माफियाओं की ज्यादतियों को लगातार प्रकाशित किया जा रहा है। फिर चाहे वो स्थानीय लोगों की जाम को लेकर परेशानी हो या खेत मालिक व पट्टाधारकों की जमीन पर जबरन खनन करने या कवरेज को पहुंचे पत्रकारों को बंधक बनाकर पीटने की घटना को अंजाम देने की।  फ़िलहाल बुंदेलखंड के परिस्थितकी तंत्र को सुरक्षित रखने और कानूनी नियमों के पालन हेतु जरूरी है कि ऐसे माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही होनी ही चाहिए।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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