परीक्षित जी महाराज की कथा सुन भावविभोर हुए श्रोता

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● श्रीमद्भागवत कथा में उमड़ रही श्रोताओं की भीड़

● तीसरे दिन सुनाई गई परीक्षित जी महाराज व सुखदेव की कथा

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के ओसाह में स्थित सपा के बछरावां विधानसभा अध्यक्ष राकेश त्रिवेदी उर्फ आलू महराज के कार्यालय प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक पंडित कृष्ण कुमार द्विवेदी ने वैराग्य के साक्षात चूड़ामणि श्री सुखदेव जी महाराज का जन्म और कलयुग के प्रथम राज ऋषि श्री परीक्षित जी के जन्म की कथा विस्तार विस्तार पूर्वक सुनाई। कलयुग के प्रथम राजा श्री परीक्षित जी महाराज ने अनजाने में श्रमिक मुनि के गले में मृत सर्प डालकर उनका अपमान किया। जिससे क्रोधित होकर उनके शिष्य श्रृंगी ऋषि ने परीक्षित जी महाराज को 7 दिन में मरने का श्राप दिया। जिससे द्रवित होकर परीक्षित ने अपना घर-परिवार राज्य सब कुछ छोड़कर श्री सुखदेव जी की पावन शरण स्वीकार की।

परीक्षित ने सुखदेव से 6 प्रश्न पूछे परीक्षित का पहला प्रश्न था कि जिस व्यक्ति की मृत्यु के दिन करीब हो ऐसे जीव को क्या करना चाहिए ? श्री सुखदेव जी ने परीक्षित को श्रीमद्भागवत महापुराण के माध्यम से मुक्त प्रधानी भागवत कथा का बड़ा मार्मिक ज्ञान प्राप्त कराया। वहीं परीक्षित का दूसरा प्रश्न था कि सृष्टि विस्तार और भगवान के अवतार लेने के कारण एवं भगवान ने कितने अवतार ग्रहण किए और भगवान के परमधाम जाने के बाद धर्म किसकी शरण गया ? कथावाचक पंडित कृष्ण कुमार द्विवेदी ने कलयुग में चार प्रमुख मार्ग बताए गए हैं नाम, रूप, लीला और धाम। कथावाचक पंडित कृष्ण कुमार द्विवेदी की दिव्य अमृत वाणी से कथा का रसपान कर श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए। इस मौके पर श्रीमद् भागवत कथा के आयोजक राकेश त्रिवेदी उर्फ आलू महराज, ओसाह प्रधान सुनीता त्रिवेदी, क्षेत्र पंचायत सदस्य मनोज कुमार त्रिवेदी, कमल मिश्रा, सुरेश गुड्डू, रामप्रकाश त्रिवेदी, आरपीटी पब्लिक स्कूल ओसाह के प्रबंधक संजय मोहन त्रिवेदी,ओसाह कोटेदार, राघवेंद्र शुक्ला, मातादीन, रामखेलावन, संतराम यादव, अनुज त्रिवेदी, लव कुश, गोलू दिनेश चंद्र शुक्ला, अंकुर, काव्या, सौम्या सहित सैकड़ों श्रोता गण मौजूद रहे।

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