पुलिस जांच में हुआ प्रेस क्लब का बड़ा खुलासा

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कूटरचित दस्तावेजों के जरिए सरकारी प्रेस क्लब भी नगर निगम में भवन मालिक बन कर दर्ज करा चुका है जालसाज सचिव त्रियुग नारायण तिवारी

प्रेस क्लब करियप्पा मार्ग सिविल लाइन का करोड़ो रूपये का घोटालेबाज चर्चित स्वयंभू सचिव त्रियुग नारायण तिवारी का पुलिस जांच में बड़ा खुलासा जालसाज ने स्वयं कर दिया है। कहावत है कितना बड़ा कोई शातिर अपराधी हो वह अपने कारनामों व गुनाह का कोई न कोई सबूत छोड़ ही देता है। कुछ ऐसा गुनाह सरकारी प्रेस क्लब को हड़पने के लिए अपना शातिर दिमाग जालसाज सचिव त्रियुग नारायण तिवारी ने आपराधिक साजिश रची और प्रेस क्लब के पदाधिकारियों को भी भनक नही लगने दी और फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपनी जोरदार आजमाइश कर वर्ष 2011 में दिनांक 6/8/2011 को नगर पालिका परिषद फैज़ाबाद में मोहल्ला इमली कतार वार्ड क.बाग भवन स्वामी के नाम फर्जी दस्तावेजों के सहारे दर्ज करा लिया और उसे कामयाबी भी मिल गयी और उसी के सहारे बीते वर्ष दिनांक 7 अप्रैल 2021 को नगर निगम अयोध्या में भी गृह कर ,जलकर व ड्रेनेज कर वित्तीय वर्ष 2021 ,2022 का 88हजार 196 रुपये15 पैसे जमा कर नगर निगम विल भुगतान की रसीद भी प्राप्त कर लिया और इसी आधार पर विगत 20 वर्षों से स्वयंभू सचिव बन कर प्रेस क्लब को मैरिज लान होटल बना कर कामर्शियल बुकिंग करने लगे और करोड़ो का वारा न्यारा कर मालामाल हो गए। जब न्यायालय के आदेश पर जांच शुरु हुई तो अपने द्वारा किये गए फर्जीवाड़े की पोल स्वयं खोल दी और सिविल लाइन चौकी इंचार्ज धर्मेन्द्र मिश्र को काँपी देकर न्यायालय द्वारा 202(1) के तहत प्रकीर्ण वाद संख्या 1733/2022 महेंद्र त्रिपाठी बनाम त्रियुग नारायण तिवारी अंतर्गत धारा 156/3 सीआरपीसी की जांच आख्या में सभी दस्तावेज उपलब्ध करा दिया तथा अपने प्रेस क्लब के सभी पदाधिकारियों के नाम पते भी उपलब्ध करा दिया जिसे जब वह कानूनी शिकंजे में फंसे तो पूरी कमेटी फंस जाए। उसने अपने सिविल लाइन चौकी इंचार्ज धर्मेन्द्र मिश्र को दिए गए बयान में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि उन्हें 1 रुपये लीज पर 99 वर्ष के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उन्हें प्रेस क्लब दे रखा है। पर लीज के कागजात पुलिस को नही दिए जो न्यायालय में सिविल लाइन चौकी इंचार्ज धर्मेन्द्र मिश्र के द्वारा जांच आख्या में जिक्र किया गया है। जब कि वास्तविकता यह है कि वर्ष1993 में अयोध्या के रायगंज के ऋषभदेव जैन मंदिर में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को अवध प्रेस क्लब के पत्रकारों की तरफ से एक मांग पत्र दिया जिसके सचिव महेंद्र त्रिपाठी थे और अध्यक्ष एस एन बागी थे जिसे अयोध्या में प्रेस क्लब निर्माण की मांग की थी जिस पर मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री ने 10 लाख रुपये देने की घोषणाएं की थी जिसके अनुपालन में प्रेस क्लब का निर्माण अयोध्या के बजाय फैज़ाबाद में हो गया जिसे वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह ने अयोध्या का विरोध करके फैज़ाबाद में प्रेस क्लब का निर्माण करवा लिया था क्यो की तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के अति करीबी थे जिसका शिलान्यास का विरोध भी महेंद्र त्रिपाठी व उनके सहयोगी पत्रकारों ने किया था तत्कालीन कारागार मंत्री अवधेश प्रसाद को काले झंडे दिखाया था जिस कारण कोतवाली नगर के इंस्पेक्टर सूर्यबली सिंह ने गिरफ्तार कर कैंट थाने में पत्रकारों की सांकेतिक गिरफ्तारी भी की थी जिसमे दैनिक जागरण के नवागत ब्यूरो चीफ श्री रमा शरण अवस्थी दैनिक आज के तत्कालीन ब्यूरो चीफ श्री राजेन्द्र सोनी जो आज भी संरक्षक है वरिष्ठ पत्रकार जगदीश गुप्ता शिव कुमार मिश्र अशोक चटर्जी हेमंत कृष्ण ऋतु कृष्ण सहित लगभग 60 पत्रकारोँ ने गिरफ्तारी देकर विरोध प्रगट किया था जिन्हें पुलिस ने नाश्ता पानी करा कर कैंट थाने से रिहा किया था श्री त्रिपाठी ने फिर भी हार नही मानी और लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका भी मिसलेनियस बेंच में दाखिल की थी जिसका रिट नम्बर 4649/2010 आज भी पेंडिंग है और बकायदा जिला प्रशासन की तरफ से उप सूचना निदेशक तत्कालीन चन्दन लाल चौधरी ने काउंटर एफिडेविट भी दाखिल किया था जिसमे अवध प्रेस क्लब को भवन निर्माण की बात कही गयी है तथा एक शिकायत के जवाब में तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट रवि शंकर गुप्ता ने भी दिनाक 18/4/2011 को पत्रांक संख्या 299 में जिलाधिकारी फैज़ाबाद को अपनी जांच आख्या में भी जवाब में अवध प्रेस क्लब के भवन का निर्माण होने की बात कही है प्रेस क्लब फैज़ाबाद का कोई जिक्र नही है और न ही उक्त प्रेस क्लब को हैंड ओबर हुआ है जब मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने प्रेस क्लब निर्माण की घोषणा की थी तब प्रेस क्लब का कोई वजूद ही नही था घोषणा के बाद शीतला सिंह आननफानन में प्रेस क्लब का पंजीयन बजाजा चौक फैज़ाबाद जनपद फैज़ाबाद जनमोर्चा के पते पर करा लिया और अपना दावा ठोंक कर प्रेस क्लब पर अपना अधिपत्य जमा लिया तब से लगातार श्री त्रिपाठी अयोध्या में मीडिया सेंटर की निर्माण के लिए संघर्षरत है। जब अयोध्या जिला घोषित हो गया तो बजाज फैज़ाबाद का पता बदल कर करियप्पा मार्ग सिविल लाइन जनपद अयोध्या वर्ष 2019 में कर लिया गया जिससे साशन प्रशासन को भी गुमराह किया गया कि प्रेस क्लब अयोध्या संस्था फर्जी है और यही से दोनों प्रेस क्लबों में महा संग्राम की सुरुवात हो गयी जब कि प्रेस क्लब अयोध्या पंजीकृत संस्था है जो जामवंत मार्केट श्रृंगार हाट अयोध्या जनपद अयोध्या के पते पर पंजीकृत है जिसके संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी है उपाध्यक्ष मुकुल श्रीवास्तव सचिव के बी शुक्ला महा सचिव पुनीत मिश्र उपमन्त्री महेश आहूजा संयुक्त सचिव अनूप कुमार कोषाध्यक्ष अयोध्या प्रसाद मौर्य और कई इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व प्रिंट मीडिया के मान्यता प्राप्त पत्रकार वरिष्ठ सदस्य व संरक्षक है आप को बताते चले कि वर्ष 1995 में नजूल विभाग फैज़ाबाद ने दिनांक 9/2/1995 में नजूल भूमि संख्या 3992m 3993m क्षेत्रफल 6643 वर्ग फुट भूमि का हस्तांतरण सचिव सूचना विभाग उत्तप्रदेश शाशन के पक्ष में प्रेस क्लब के उपयोग हेतु निःशुल्क शर्तों के साथ स्वीकृति प्रदान किया है । 1- प्रश्नगत नजूल भूमि का उपयोग प्रेस क्लब की स्थापना हेतु किया जाएगा। 2 -जिस प्रयोजन हेतु भूमि आवंटित की जा रही है वह प्रयोजन समाप्त हो जाने पर भूमि आवंटन वाले विभाग को प्रत्यावर्तित हो जाएगी जिसे प्रेस क्लब के स्वयं भू सचिव त्रियुग नारायण तिवारी अपने आप को प्रेस क्लब का मालिकाना हक बता कर गुमराह कर रहे है। जबकि सच्चाई यह कि वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप श्रीवास्तव की शिकायत पर अयोध्या के पूर्व जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के द्वारा बनाई गई जांच कमेटी जिसमे गोरेलाल शुक्ल अपर जिलाधिकारी वित्त राजश्व व आर पी सिंह सचिव विकास प्राधिकरण अयोध्या तथा डॉ मुरलीधर सिंह उप सूचना निदेशक अयोध्या मण्डल ने भी सिद्ध आरोपी सचिव त्रियुग नारायण तिवारी व उनके पूरी कमेटी को दोषी ठहराते हुए वर्ष 1994 से अब तक का करोड़ो रूपये की सरकारी धन की रिकबरी करने की सिफारिश 14 जून 2021 में ही कर दी गयी थी। पर कोई कार्यवाही न होने पर प्रेस क्लब अयोध्या के अध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी की याचिका पर न्यायालय ने आदेश पारित किया जिस एफआईआर न्यायालय के आदेश पर गम्भीर धाराओं में कोतवाली नगर में त्रियुग नारायण तिवारी व अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। अब दस्तावेज गायब किये जा रहे है और बचाव के रास्ते ढूढे जा रहे है। प्रेस क्लब में अफरातफरी का माहौल है और हड़कंप मचा हुआ है। जो आने वाले दिनों में आरोपी सचिव त्रियुग नारायण तिवारी की गिरफ्तारी भी पुलिस कर सकती है। श्री त्रिपाठी को कामयाबी वर्ष 2017 में मिली जब योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री बने और उनके अयोध्या आगमन पर श्री त्रिपाठी ने मीडिया सेंटर के निर्माण की मांग की जो एक करोड़ की लागत से बन कर तैयार है जिसे आरोपी त्रियुग नारायण तिवारी हड़पना चाहते है । अब खुद अपने बिछाए हुए जाल में फंस चुके हैं। इस मामले की विवेचना कोतवाली नगर के वरिष्ठ उप निरीक्षक सुनील कुमार यादव के द्वारा किया जा रहा है। रिपोर्ट- मनोज कुमार तिवारी

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