पूर्व एमएलसी एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्य राजा राकेश प्रताप सिंह क्षत्रिय रत्न से सम्मानित

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राम जन्मभूमि ट्रस्ट में क्षत्रिय समाज का सदस्य न रखे जाने से क्षत्रिय समाज में नाराजगी

अंगद राही

रायबरेली।  पूर्व एमएलसी एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्य राजा राकेश प्रताप सिंह को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा द्वारा क्षत्रीय रत्न से नवाजा गया। रविवार को पूर्व एमएलसी राजा राकेश प्रताप सिंह को उनके राजमहल में सम्मानित करने आए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के युवा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता विश्वदीप सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने पूर्व एमएलसी राजा राकेश प्रताप सिंह को क्षत्रिय रत्न से सम्मानित करते हुए कहा कि क्षत्रिय रत्न सम्मान समाज के लिए विशिष्ट कार्य करने वाले क्षत्रियों को दिया जाता है। पूर्व एमएलसी राजा राकेश प्रताप सिंह का समाज के लिए अतुलनीय योगदान रहा है। समय-समय पर सामाजिक कुरीतियों दहेज,अशिक्षा, बेरोजगारी, नशा मुक्ति आदि पर समाज को जागरूक करने के साथ ही साथ एकता व विकास पर कार्य करते रहने के लिए दिया जाता है। गौरतलब हो कि विगत वर्ष पद्मावती फिल्म मामले में उत्तर प्रदेश के रजवाड़ों में सर्वप्रथम शिवगढ़ रियासत के राकेश प्रताप सिंह ने अपनी आवाज बुलंद की थी। उनके इस उत्कृष्ट कार्य की अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उन्हें क्षत्रिय रत्न से नवाजा। प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वदीप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मुगलों ने बहुत ही ज्यादा अत्याचार किए जब लगता था कि मुगल आक्रमणकारियों से हम अपनी रक्षा नहीं कर पाएंगे तब पुरुष शाका करते थे और केसरिया बाना पहन कर आखिरी लड़ाई लड़ते थे। और महिलाएं जौहर करती थी हमारी मां बहने सीधे जीवित जौहर के अग्नि कुंड में कूद जाती थी। जरा सोंचिए हमारी मां बहनों की कितनी बड़ी विवशता थी। फिल्मों को लेकर हमारा विरोध नहीं है लेकिन जौहर हमारे लिए दु:खद है जिस पर कोई मनोरंजन नहीं कर सकता। हमारे दु:ख पर मनोरंजन नहीं होना चाहिए, जरा सोचिए कितनी मजबूरी में मां बहनों ने आत्मघाती कदम उठाया होगा। हमारे लिए माताएं हमेशा सम्मान का विषय रही हैं। इस देश में हमेशा नारियों की पूजा की गई है। विश्वदीप सिंह ने कहा कि रामजन्म भूमि को लेकर निर्णय आया आस्था को अदालत में घसीटा गया। अदालत में खड़ी हुई। आस्था को सबूतों की आवश्यकता पड़ी जो बहुत ही दुखद था। फिलहाल वो लोकतांत्रिक व्यवस्था थी अदालत के फैसले का समूचे देश ने सम्मान किया। लेकिन सबसे दु:खद बात है कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट में एक भी क्षत्रिय समाज का सदस्य नहीं रखा गया। लगभग 200 गांव के सूर्यवंशी स्त्रियों ने 500 वर्षों तक न जूता पहना, न पगड़ी बांधी और यह संकल्प लिया कि जब तक राम अयोध्या नहीं आएंगे वे पगड़ी नहीं बांधेगें। ट्रस्ट का सदस्य ना बनाकर क्षत्रिय समाज के जख्मों पर मरहम लगाया गया।

राणा संग्राम सिंह ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि क्षत्रियों ने सदैव संघर्ष कर सम्मान को बचाने का प्रयास किया है। पूर्व एमएलसी राजा राकेश प्रताप सिंह देश के ऐसे पहले राजा हैं जिन्होंने क्षत्रिय समाज की आन बान शान माता तुल्य रानी पद्मावती की आन को ठेस पहुंचाने वाली फिल्म पद्मावती का सबसे पहले विरोध किया था। जिनके विरोध की चिंगारी पूरे देश में भड़की और फिल्म पद्मावती में कुल 42 जगह कट किए गए साथ ही फिल्म पद्मावती  का नाम बदलकर पद्मावत में तब्दील कर दिया गया। क्षत्रियों के सम्मान के साथ जो भी खिलवाड़ करेगा उसको हिंसा और अहिंसा दोनों से जवाब देने का प्रयास किया जाएगा। वर्तमान में श्री रामचंद्र की पावन जन्मभूमि अयोध्या का ट्रस्ट बनाया गया किंतु उसमें क्षत्रियों को नहीं रखा गया यदि क्षत्रियों को नहीं रखा गया तो उसके लिए भी क्षत्रिय संघर्ष करेंगे जिसकी अगुवाई पूर्व एमएलसी राजा राकेश प्रताप सिंह करेंगे। राजा राकेश प्रताप सिंह की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वर्तमान में भाजपा की सरकार है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, राजा राकेश प्रताप सिंह राष्ट्रीय परिषद के सदस्य हैं मुख्यमंत्री तक हम क्षत्रियों की बात पहुंचाने का दायित्व राजा राकेश प्रताप सिंह का है। इस मौके पर उपस्थित क्षेत्रीय विधायक रामनरेश रावत, पूर्व विधायक राजाराम त्यागी ने कहा कि समाज के उत्थान में क्षत्रिय समाज का बहुत बड़ा योगदान है। श्री रावत ने कहा कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट में क्षत्रिय समाज का सदस्य बनाया जाना चाहिए जिसके लिए वे सदन में बात उठाएंगे।

इस अवसर पर विकास सिंह,राणा संग्राम सिंहगौर,डॉक्टर अमित सिंह,बृजेंद्र सिंह,अखिलेंद्र प्रताप सिंह,मनीष सिंह,गयबक्स सिंह, जिला उपाध्यक्ष शरद सिंह, रविंद्र कुमार शर्मा, हनुमान सिंह, शशी बाबू,राजबहादुर सिंह सहित दर्जनों की संख्या में लोग मौजूद रहे।

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