प्रयागराज की महिला सिपाही के जज्बे की लोग क्यों दे रहे दाद

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इस मुश्किल की घड़ी में कई बार देखा गया है कि महिला पुलिसकर्मी अपने छोटे छोटे बच्चों को लेकर ड्यूटी करती हैं। ऐसे में प्रयागराज में दो महिला पुलिसकर्मियों ने तो मातृत्व अवकाश लेने से ही इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि बच्चे को तो घर वाले सम्भल ही रहे हैं। अभी ये समय ईमानदारी से ड्यूटी करने का है, ना की अवकाश लेकर कर बैठने का।

निष्ठा से ड्यूटी करती हैं महिला सिपाही

जब से कोरोना वायरस फैला है तब से सबसे ज्यादा जिम्मेदारी पुलिस के जवानों के सिर पर आ गई है। पुलिसकर्मी फ्रंट लाइन में ड्यूटी करने के साथ साथ लोगों तक राशन पहुंचाने और अन्य मदद का काम भी कर रहे हैं। ऐसे में प्रयागराज के घूरपुर थाने में दो महिला सिपाहियों ने मातृत्व अवकाश लेने से इंकार कर दिया है। महिला आरक्षी रंजू यादव मूलत: चंदौली जनपद के सकलडिहा थानांतर्गत नोनार गांव निवासी हैं। चार महीने पहले रंजू को एक बेटी हुई। बच्ची को समय ना दे पाने की वजह से उन्होंने अपनी मासूम बेटी को घर भेज दिया है ताकि वो सुरक्षित रहे।

वहीं दूसरी तरफ महिला आरक्षी सरोज मौर्या भी चंदौली जनपद के ही चकिया गायघाट की रहने वाली हैं। उन्होंने छह महीने पहले बेटे को जन्म दिया था। कई कई घंटे ड्यूटी में तैनात रहने की वजह से दोनों इन्होने भी अपने मासूम बेटे को अपने घर चंदौली भेज दिया और खुद ड्यूटी कर रही हैं।

दोनों का कहना है ये

दोनों महिला सिपाहियों का ये कहना है कि जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं हो जाता, तब तक वह छुट्टी नहीं लेंगी। जब उनसे छुट्टी लेने के लिए अफसरों ने कहा तो इनका कहना था कि हमारे बच्चों का क्या है, उन्हें तो परिवार वाले पाल लेंगे, लेकिन इस मुश्किल घड़ी में अगर हमने अपनी ईमानदारी से ड्यूटी की तो कई और बच्चों के मां-बाप की जान बचा सकते हैं। जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं हो जाता, हम छुट्टी नहीं लेंगे।’

Mahendra

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