बीएचयू ईएनटी विभाग ने बैरा जांच में पाई 70 फीसदी से अधिक दिव्यांगता

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  • दिव्यांग 70 फीसदी, अस्पताल का सर्टिफिकेट 24 फीसदी का

  • प्रमाण-पत्र के लिए 20 हज़ार रुपये घूस ना देने का मामला

  • श्री शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ का कारनामा

  • ईएनटी विशेषज्ञ ने पूर्व के प्रमाण-पत्र तक को किया दरकिनार

वाराणसी, राजातालाब। श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय जिला अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ फिर सुर्खियों में हैं। 6 जुलाई को एक दिव्यांग व्यक्ति को 70 फीसदी के बजाए 24 फीसदी दिव्यांगता का प्रमाण पत्र थमाने वाले इन चिकित्सक के प्रमाण पत्र को बीएचयू ईएनटी विभाग ने बैरा जाँच ने भी गलत दर्शा दिया है।

मामला राजातालाब निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता से जुड़ा है। राजकुमार जन्म से ही बधिरता का शिकार हो गया था। इसके बाद उसके परिजनों ने बीएचयू सहित कई अस्पतालों में इलाज कराया परंतु ठीक नहीं हुए वर्ष 2018 में श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय ज़िला अस्पताल के ईएनटी विभाग के विशेषज्ञ जाँच परीक्षण कराकर मेडिकल बोर्ड से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाया तो उन्होने 45 फीसदी दिव्यांगता का अस्थाई प्रमाण पत्र दे दिया। इस प्रमाण पत्र पर राजकुमार को दिव्यांग पेंशन और सरकारी बस पास मिल गया।

फ़रवरी 2023 में अस्थाई दिव्यांग प्रमाण पत्र नवीनीकरण कराने पर राजकुमार जब श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय ज़िला अस्पताल में मेडिकल बोर्ड के समक्ष पहुंचा तो जाँच परीक्षण कर्ता प्रशांत चौबे ने 20 हज़ार रुपये घूस मांगा। राजकुमार ने कहा की मै अवैध राशी नहीं दूँगा तो उन्होने बीएचयू ईएनटी विभाग में बैरा जाँच के लिए रेफर कर दिया।

राजकुमार बीएचयू ईएनटी विभाग में बैरा जाँच हेतु आवेदन दिया। पाँच माह बाद जाँच हेतु अपाइंटमेंट मिलने के बाद बीएचयू से बैरा जाँच कराकर राजकुमार पुनः श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय ज़िला अस्पताल के मेडिकल बोर्ड को बैरा जाँच रिपोर्ट दिया आरोप है।

मंडलीय अस्पताल के ईएनटी विभाग के जाँचकर्ता प्रशांत चौबे ने उससे शुल्क के रूप में 20 हज़ार अवैध रुपए मांगे। रसीद माँगने पर प्रशांत चौबे बिफर गए एवं उसे 24 फीसदी विकलांगता का प्रमाण पत्र दिया। राजकुमार ने मामले की शिकायत सीएमओ एवं आला अफसरों से की।

मामला तूल पकड़ते हुए देख कर सीएमओ ने मंडलीय अस्पताल के मेडिकल बोर्ड से राजकुमार की दिव्यांगता की जांच कराई। जिसने अपनी रिपोर्ट में उसे 50 फीसदी से अधिक दिव्यांग पाया है। इससे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा है। राजकुमार ने पूरे मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और दिव्यांगजन सशक्तिकरण आयुक्त के समक्ष ले जाने की चेतावनी दी है।

राजकुमार गुप्ता

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