मांधाता में रोजगार सेवक ही सरकार को लगा रहा है लाखों का चूना

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मांधाता – ब्लॉक के सचिव ओम प्रकाश सरोज और रोजगार सेवक लाल बहादुर पाल का चोली दामन का साथ भ्रष्टाचार में यह दोनों एक छोर से दूसरे छोर तक देते है एक दूसरे का साथ
ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम पर मांधाता ब्लॉक के अधिकारियों के सह पर प्रधान सचिव की सांठगांठ से अपने सगे संबंधियों को पहुंचाया जा रहा है लाभ और ग्राम के विकास के पैसे को कर लिया जा रहा है हजम
ब्लॉक मांधाता में लगभग दर्जन भर से अधिक फर्मों पर जमकर होता है भुगतान जिसकी धरातल पर नहीं है कोई दुकान सगे संबंधियों की फर्म पर जमकर हो रहा है पैसों का बंदरबांट
प्रतापगढ़ : मांधाता ब्लॉक के रोजगार सेवक लाल बहादुर पाल गुरुकृपा इंटरप्राइजेज नाम से फर्म बनाकर जिसमें पता लिलौली ग्राम सभा का है लेकिन धरातल पर गांव में नहीं है इनकी कोई दुकान लूट रहीं ग्राम पंचायतें,फर्जीवाड़ा रोकने के बजाय अधिकारियों का मौन संरक्षण सचिव ओमप्रकाश सरोज जिस भी गांव में रहे वहां जमकर कराएं हैं गुरु कृपा इंटरप्राइजेज पर भुगतान और जमकर किए पैसों का बंदरबांट
प्रधान-सचिव और रोजगार सेवक अपने नाम व सगे संबंधियों के नाम रजिस्टर्ड क्यों करते है फर्म जाने पूरी डिटेल्स


प्रधान-सचिव व रोजगार सेवक रिश्तेदारों व संबंधियों के नाम फर्में बनाकर मनरेगा व आदि कार्य योजना का पैसा हड़प रहे हैं जबकि राज्य शासन के नए प्रावधान के तहत प्रधान-सचिव अपनी पत्नी पुत्र व रिश्तेदारों की सप्लायर फर्मों के नाम भुगतान नहीं कर सकते लेकिन जनपद के मांधाता ब्लॉक में यह कार्य धड़ल्ले से हो रहा है बावजूद इसके जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है आपको बता दें पहले पंच-परमेश्वर एवं मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत क्षेत्र में किए जाने वाले निर्माण कार्य का भुगतान प्रधान-सचिव चैक के माध्यम से सप्लायर फर्म को किया करते थे प्रधान-सचिव ने इस प्रावधान का लाभ उठाते हुए अपने पुत्र, पत्नी व अन्य संबंधियों के नाम फर्में बनाकर सरकारी भुगतान हड़पना शुरू कर दिया लेकिन यह मामला संज्ञान में आते ही राज्य शासन ने प्रावधान में बदलाव कर दिया जिसके तहत प्रधान-सचिव एवं रोजगार सेवक के रिश्तेदार व पुत्र, पत्नी अन्य संबंधियों के नाम की सप्लायर फर्म को मनरेगा व पंचपरमेश्वर योजना के तहत भुगतान नहीं हो सकता है इस पर लगाम करने के लिए लिए राज्य शासन ने प्रदेश के प्रत्येक जनपद सीईओ को निर्देश भी जारी किए लेकिन मांधाता ब्लॉक में शासन के नियमों को ताक पर रखकर प्रधान-सचिव व रोजगार सेवकों के परिजन के नाम सप्लायर फर्म को शासन की योजनाओं का भुगतान किया जा रहा है हद तो तब हो गई जब मांधाता ब्लॉक का रोजगार सेवक ही अपनी फर्म पर लाखों करोड़ों का भुगतान करा रहा है इसलिए बनाई जा रही संबंधियों के नाम फर्में संबंधी के नाम फर्म बनाने से प्रधान-सचिव व ब्लॉक के अन्य कर्मचारियों से सांठगांठ कर मनरेगा एवं पंच-परमेश्वर के तहत कराए गए निर्माण कार्य में हुई सप्लाई का न केवल भुगतान करा लेते हैं बल्कि जरूरत के मुताबिक सामग्री भी क्रय नहीं करते संबंधियों द्वारा फर्जी बिल तैयार कराकर शासन को चूना लगाया जा रहा है शासन के पैसों को जनता की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार राशि की व्यवस्था कर रही है वही जनपद की मांधाता ब्लॉक में अधिकारी के सह पर रोजगार सेवक लाल बहादुर पाल अपनी जेब मे पैसों को भरने में लगा है प्रधान और सचिव ने मिलकर अपने सगे संबंधियों के नाम पर लाखों का बिल लगाकर धन का आहरण किया गया है इसके बावजूद अधिकारी का मौन रहना मिलीभगत को दर्शाता है लोगो का कहना है कि शासन के पैसों का बंदरबांट करने वाले सचिव के खिलाफ न्यायिक जांच कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए। रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा

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