सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ठेंगा, राजातालाब थाने में नहीं लगाया जा रहा CCTV

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत राजातालाब थाने और पुलिस चौकी में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। कुछ भ्रष्ट पुलिस दलालों के साथ मिलकर राजातालाब की भोली भाली जनता को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। दिन दहाड़े थाना व चौकी परिसर में पाप का काला कारोबार फलता फूलता है।

भ्रष्टाचार करने में इन भ्रष्ट पुलिसकर्मियों और दलालों को कोई दिक्कत न हो इसलिए जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद थाना व चौकी में सीसीटीवी कैमरा को नहीं लगाया जा रहा है ताकि इनका कोई भी काला कुकर्म रिकॉर्ड न हो सके। बल्कि थानेदार और चौकी प्रभारी के कार्यालय में एसी ज़रूर लगे हैं।

यहाँ की पुलिस के पास एसी लगवाने के लिए पैसे है सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए पैसा नही है जिसके लिये बक़ायदा सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है और उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने थानों आदि स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मंज़ूरी दी है।

यहाँ जानबूझकर सीसीटीवी नहीं लगाने का कृत्य संभावित भ्रष्टाचार के बारे में गंभीर चिंता पैदा करता है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि पुलिस कार्यालय के भीतर कोई व्यक्ति अपनी अवैध गतिविधियों को छुपाना चाहता है या किसी सबूत को पकड़े जाने से रोकना चाहता है। यह अधिनियम पारदर्शिता और जवाबदेही को कमजोर करता है, जो एक निष्पक्ष और न्यायपूर्ण व्यवस्था बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

भ्रष्ट आचरण में शामिल लोग सीसीटीवी की रेंज से बाहर, बेख़ौफ़ कर रहे धंधा

यह न केवल उन्हें अनैतिक व्यवहार में संलग्न रहने की अनुमति देता है बल्कि एक ऐसा वातावरण भी बनाता है जहां भ्रष्टाचार अनियंत्रित रूप से बढ़ता रहेगा। निगरानी के बिना, व्यक्तियों के लिए धन में हेरफेर करना, रिश्वतखोरी में संलग्न होना, या व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने पद का दुरुपयोग करना बहुत आसान हो जाता है।

कार्यशील सीसीटीवी कैमरों की अनुपस्थिति न केवल तात्कालिक स्थिति को प्रभावित करती है, बल्कि समग्र रूप से संस्था में जनता का विश्वास भी कम करती है। नागरिक यह सुनिश्चित करने के लिए इन निगरानी प्रणालियों पर भरोसा करते हैं कि उनके कर के पैसे का उचित उपयोग किया जा रहा है और सार्वजनिक अधिकारी ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं। जब इन प्रणालियों को जानबूझकर नहीं लगाया जा रहा है अथवा नष्ट किया जाता है, तो यह संदेश जाता है कि न्याय को कायम रखने के लिए जिम्मेदार लोग भी इस कुकृत में शामिल हैं।

राजातालाब थाने और चौकी पर आजकल जमकर भ्रष्टाचार की शिकायत आ रही है।

मुफ़्तख़ोरी, चरित्र प्रमाण पत्र, पासपोर्ट सत्यापन आदि के लिए धन उगाही, आम बात हो गई है। आम आदमी जब किसी कार्य से यहाँ जाता है तो उससे अभद्रता से बात करते है पुलिसकर्मी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी

आदित्यनाथ को स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता सहित कई लोगों द्वारा कई शिकायत पत्र दिया गया है। यहाँ के थाने व चौकी पर भ्रष्टाचार की इस खतरनाक प्रवृत्ति ने स्थानीय समुदाय के बीच गंभीर चिंता पैदा कर दी है।

इस मुद्दे की गंभीरता को कम करके नहीं आंका जा सकता, क्योंकि यह न केवल इन स्थानों की पवित्रता को कमजोर करता है, बल्कि उन्हें उनके मक़सद से भी वंचित करता है। इस भ्रष्ट आचरण के पीछे दोषी कथित तौर अपने निहित स्वार्थों को आगे बढ़ाने के लिए यह व्यापक प्रकृति का संकेत है इस भ्रष्टाचार का।

यह इस स्थिति को सुधारने और जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए तत्काल कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। पीड़ित ग्रामीणों ने हताश और निराश होकर भारत के प्रधानमंत्री तक को राजातालाब थाने और चौकियों में फैले भ्रष्टाचार को लेकर पत्र लिखा है।

नेता या तो कानों में कड़वा तेल डालकर सो रहे हैं या फिर वे भी इस पाप की गंगा में हाथ धो रहे हैं

स्थानीय निर्वाचित नेता या तो कानों में कड़वा तेल डालकर सो रहे हैं या फिर वे भी इस पाप की गंगा में हाथ धो रहे हैं। यह बात इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि यंहा के नेता पुलिस थाने और चौकियों में फैले भ्रष्टाचार पर हमेशा खामोश रहते हैं जिस मुद्दे को सदन से सड़क तक उन्हें उठाना चाहिए ये लोग उसकी शिकायत भी वह नहीं सुनना चाहते। यह इन नेताओं की गरिमा के विपरीत है कि ये नेता अपने मतदाताओं की चिंताओं और शिकायतों से बेखबर हैं।

कानों में कड़वा तेल डालकर सोने का मतलब है कि वे जान-बूझकर आने वाली समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। यह नेताओं द्वारा इन महत्वपूर्ण मामलों को संबोधित करने के लिए जागरूकता, सहानुभूति या इच्छा की कमी को दर्शाता है।

कब कृष्ण पैदा होंगे और इन कलियुग के भ्रष्टाचारियों को अपने सुदर्शन चक्र से संहार करेंगे?

दूसरी ओर, दूसरा परिदृश्य बताता है कि स्थानीय निर्वाचित नेता समस्या को बनाए रखने में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। इस पाप की गंगा में हाथ धोने का तात्पर्य यह है कि वे न केवल इस मुद्दे से अवगत हैं बल्कि इसे जारी रखने में भागीदार भी हैं। अब भगवान ही मालिक है राजातालाब के लोगों का जाने कब कृष्ण पैदा होंगे और इन कलियुग के भ्रष्टाचारियों को अपने सुदर्शन चक्र से संघार करेंगे?

राजकुमार गुप्ता

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