मर्ज़ का इलाज कीजिए मरीज़ को ज़लील मत कीजिए

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हज़रत निज़ामुद्दीन मरकज़ प्रकरण पर एक ख़ास रिपोर्ट

मरकज निजामुद्दीन प्रकरण पर पूरे देश मे लोगो की नाराजगी है। कई जगह वहां मौजूद लोगों को टाइम बम तक कहा जा रहा है। सरकारें ताबड़तोड़ एक्शन ले रही हैं और मीडिया का जमावड़ा देश की मुख्य समस्याओं से हटकर वहां अटक गया है। आइए हम आपको यहां बताते हैं कि मरकज निजामुद्दीन क्या है और वहां क्या क्या होता था।

वरिष्ठ पत्रकार डाॅ तारिक अज़ीम की एफबी वाल से साभार

तुम्ही ने दर्द दिया तुम्ही दवा देना,
मेरे कुछ फाज़िल दोस्त अब एक आई टी सेल मे तबदील हो चुके है !

उनको एक एजेन्डा दिया जाता है जो उनकी अपनी सारी नाकामी को ढक देता है !

कल से एक नया एजेन्डा तय हुआ है लाखो मज़दूरो की तकलीफ , उनका भूखे हफतो दर बदर होना , बच्चो का भूख से तड़पना , मज़दूरों को सड़क पर बैठा कर ज़हरीले पानी से नहला देना ,,
इस सब को निज़ामुद्दीन प्रकरण को सनसनी बना ढकने की भरपूर कोशिश है !
ऐसा माहोल बनाया जा रहा है की आस पास के लोग मुसलमान दाढ़ी टोपी को देखकर नफरत करने लगे ,,

कोरोना का ठीकरा सारा मुसलमानों के सर फोड़ दिया जाए ,,

अरे भाई मरकज़ निज़ामुद्दीन एक ऐतिहासिक ग़ैर राजनीतिक संस्था है :

ऐसे समझ लीजिए एक वर्क शाप है ,,
जहाँ बादशाह से लेकर फक़ीर तक आते है अपने बर्तन ख़ुद धोते है , ख़ुद कपड़े धोते है , ख़ुद झाड़ू देते है , वहा जीने का सलीक़ा सिखाया जाता है !

सुबह से शाम तक इतना बड़ा लंगर चलता है जिसका अंदाज़ा नही लगाया जा सकता ,,
सब एक साथ ज़मीन पर बैठ कर खाते है , अमीर ग़रीब का कोई फर्क नही !

आप का जब दिल चाहे वहा चले जाए रुके देखे महसूस करे ,,
वहा क्या होता है !!

बड़ा बड़ा बिगड़ा मुस्लिम नोजवान जो समाज के लिए अभिशाप बन चुका था अब उसका इतिहास उठा कर देख लीजिए,,

उसको जमात मे भेज कर उसको भारत के संविधान और ईश्वर के क़ानून के मुताबिक़ जीने की कला सिखाई है !

उसको बुराईयों से बचा कर अच्छाईयों की तरफ लाया गया है !

उसको परिवार और समाज का सम्मान करना सिखाया गया है ,

मन मानी को मना किया गया है !

हर सरकार ने हर स्तर पर मरकज़ निज़ामुद्दीन की जांच करायी है ,,

एक बार इंदिरा गांधी ने भी ख़ूफिया जांच करवाई थी ,,
ख़ूफिया विभाग के लोग मुसलमान बन मुसलमानो के साथ रहे थे पर उन्होंने इंदिरा गांधी को यही जवाब दिया था की वहा जिने की कला सिखाई जाती है ज़मीन की तो कोई बात ही नही होती !!

यह लोग या तो ज़मीन के नीचे की बात करते है या आसमान के ऊपर की !

दुनिया की कोई बात यह लोग नही करते!

रही बात कोरोना की तो भाई कोरोना के मरीज़ का इलाज करना है उसको ज़लील नही करना !!

उसके धर्म को निशाना नही बनाना !

जो लोग विदेश से आते है उनका सरकार पर पूरा ब्योरा होता है ,

आप ने फोरन लाक डाउन कर दिया ,
तो जो लोग आए है या तो आप उनको उसी दिन अपने साथ ले जाते या उनके देश भेज देते !!

भाई कोरोना का मरकज़ निज़ामुद्दीन नही,,

मरकज़ वाले कोई बायोलोजिकल एकसप्रिमेनट नही कर रहे थे ,,

आप सारा ठीकरा उनके सिर पर फोड़े दे रहे है !!
दरअसल आप लोग मोत से बहुत डरते है ,
गांवों से खबरे आ रही है जो मज़दूर अपने अपने घर मीलों भूखे प्यासे अपने अपने घर पहुंचे है उनको ज़लील किया जा रहा है परेशान किया जा रहा है निकाला जा रहा है :

भाई कोरोना का इलाज तो हो जाएगा पर आपकी उस बीमार मानसिकता का इलाज मुझे तो दिखाई नही देता !!

तो मरकज़ का पीछा छोड़िये काम पर लगिये !!
कोरोना से लड़िये किसी धर्म विशेष के लोगो से नही !!

मरकज़ वालो का हर क़ागज पत्र अप टू डेट रहता है वह हर खबर सरकार को दे चुके है सरकार अपना काम कर रही है
यह सारी ख़बरें भी वह सरकार से शेयर कर चुके थे , कोई ध्यान नही दिया तब who को रिपोर्ट की और यह सब कार्यवाही हुई है !

आप लोग सनसनी फैला कर इस वक्त किसी धर्म विशेष को निशाने पर ना लीजिए ,,,

किसी का दिल मत दुखाईये,,
यह दिल दुखाने का ही नतीजा है जो पूरी दुनिया भुगत रही है। वक्त है अब भी, इंसान बन जाइये ।

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