Raebareli POSH Act-“मानसिक स्वास्थ्य और POSH Act — ये एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जब कार्यस्थल सुरक्षित होगा, तभी मन भी स्वस्थ रहेगा।”
इसी उद्देश्य को लेकर जिला महिला अस्पताल, रायबरेली में एक विशेष जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का विषय था:
“कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा (POSH Act) और मानसिक स्वास्थ्य – साथ साथ कैसे आगे बढ़ें”
इस अवसर पर अस्पताल की प्रबंधक Dr. Mrinalini उपाध्याय जी, डॉ. सुजाता, श्रीमती शशिबाला (नर्सिंग ऑफिसर), सभी नर्सिंग स्टाफ एवं समस्त अस्पताल कर्मचारी उपस्थित रहे।
विशेष वक्ता के रूप में प्रसिद्ध मनोविज्ञानी और POSH विशेषज्ञ डॉ. रुमा परवीन को आमंत्रित किया गया, जिन्होंने बेहद सहज और प्रभावी तरीकों से बताया कि मानसिक स्वास्थ्य को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।

कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न को कैसे पहचाना जाए और POSH कानून का इस्तेमाल कैसे किया जाए।
कैसे हर महिला खुद को “POSH Act की ढाल” से सुरक्षित महसूस कर सकती है।
और कैसे यह दोनों पहलू — मानसिक स्वास्थ्य और POSH — एक-दूसरे से जुड़े हैं।
💡 प्रमुख गतिविधियाँ:
रोल-प्ले एक्टिविटी,
मेंटल हेल्थ ब्रीदिंग एक्सरसाइज़,
POSH एक्ट से जुड़े सवाल-जवाब,
जागरूकता संकल्प शपथ।
कार्यशाला के अंत में सभी स्टाफ ने यह शपथ ली कि वे अपने कार्यस्थल को महिलाओं के लिए सम्मानजनक और मानसिक रूप से सहयोगी बनाएंगे।
“POSH Act सिर्फ कानून नहीं, हर महिला की गरिमा का कवच है।”
इस प्रकार की कार्यशालाएँ समाज में सुरक्षा और मानसिक मजबूती की अलख जगाती हैं।
डॉ. रुमा परवीन और जिला महिला अस्पताल, रायबरेली का यह प्रयास सराहनीय और अनुकरणीय है।
अनुज मौर्य रिपोर्ट