मुख्यमंत्री ज़ी न शौचालय, न बिजली न सफाई न सडके आखिर क्यों नहीं जाना चाहता इस गांव मे जिम्मेदार अधिकारी ग्रामीणों कि मदद करने

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रायबरेली लखनऊ – उत्तर प्रदेश में एक ऐसा गांव है जो दो जिलों की सीमा में बटा हुआ है जी हां आपने सही पढ़ा हम बात कर रहे हैं रायबरेली जनपद और लखनऊ जन पद के बीच स्थित जमादार खेड़ा ग्राम की जो आधा हिस्सा रायबरेली जनपद में आता है तो आधा हिस्सा लखनऊ जनपद में आता है वही बात करी जाए वहां ग्रामीण  को मिलने वाली सुविधा की तो वह शून्य है यह हम नहीं यह वहां की ग्रामीण लोग चिल्ला चिल्ला कर कह रहे हैं

ग्रामीणों का आरोप है कि वर्तमान प्रधान और पूर्व प्रधान दोनों मिलकर आपस में बंदर बांट कर रहे हैं और जो भी ग्रामीणों को सुविधा मिलनी चाहिए वह सुविधा नहीं मिल पा रही है ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्होंने इस संबंध में कई बार तहसील स्तर पर शिकायत भी की थी लेकिन कोई सुनवाई उनके मुताबिक नहीं हो पाई ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वर्तमान प्रधान और पूर्व प्रधान खुलेआम धमकी देते हैं

कि चाहे आप लोग कहीं भी शिकायत दर्ज कर लीजिए कोई भी मेरा कुछ नहीं कर पाएगा वही गांव के रास्तों की बात करी जाए रस्ते भी बहुत खराब हो रखे हैं खासकर बरसात के समय ग्रामीण और छोटे बच्चों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है गांव में जो भी नालियां बनी है उनकी ना तो कभी सफाई होती है और ना ही कभी उसकी तरफ जिम्मेदार प्रधान का ध्यान ही जाता है यह आप तस्वीर में सांफ देख सकते हैं ग्रामीणों को स्वयं नालियों की सफाई करवानी पड़ती है वही बात करें ग्राम में स्थित सार्वजनिक शौचालय की तो वह भी बंद पड़ा हुआ है

और इसमें व्यक्तिगत ताला लगा दिया गया है जिसकी कई बार ग्रामीणों ने अधिकारियों से शिकायत भी करी लेकिन मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा,ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें खुले में शौच में जाना पड़ता है अगर सार्वजनिक शौचालय खुल जाए तो किसी को खुले में शौच में जाना नहीं पड़ेगा वहीं गांव के बीच में बहुत से ऐसे घर हैं जहां बिजली की सुविधा नहीं मिल पा रही है जिसको लेकर भी ग्रामीणों ने अधिकारियों को सूचित किया था और बिजली विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची थी

और उनके द्वारा बिजली के खम्बो को लगवाने की कोशिश भी की गई लेकिन प्रधान द्वारा खम्बे को नहीं लगने दिया गया ग्रामीणों का कहना था कि बिजली की सुविधा न मिलने से रात में काफी परेशानी और बच्चों को पढ़ाई में काफी दिक्कत हो रही है उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है अब देखने वाली बात यह होगी कि ग्रामीण की सुनवाई  मुख्यमंत्री के जिम्मेदार अधिकारी करते भी हैं या ग्रामीणों को जो समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं वह इसी तरह झेलनी पड़ेगी भविष्य में भी यह तो आने वाला  वक़्त ही बतायेगा. फिलहाल ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच की मांग मुख्यमंत्री से करी है.इस मौक़े पर संगीता, सरोज कुमार,राजकुमार पाल,प्रदीप सिंह,सुनीता सहित सैंकड़ो कि संख्या मे ग्रामीणों ने विरोध जताया है

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