मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा यह चुनाव राम भक्तो और रामद्रोहियो के बीच, गिनाई सरकार की उपलब्धियां

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जनपद के मिल्कीपुर विधानसभा के अमानीगंज बाजार स्थित बीबीएस मेमोरियल हास्पिटल के पीछे मैदान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्कालीन सपा व कांग्रेस सरकारों के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाया। उन्होंने अपने सम्बोधन की शुरुआत में कहा कि वर्तमान का यह चुनाव चौथा चरण आते-आते पूरे देश के अंदर रामभक्तों व रामद्रोहियों में बंट गया है। रामद्रोही वह है जो आतंकी हमला करने वालों के मुकदमें वापस लेते है। राममंदिर को कहते है बेकार बना है। कल्याण सिंह की मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करने नहीं जाते। लेकिन माफिया के मरने पर मातम मनाने जाते है। जो देश में नक्सलवाद व आतंकवाद की जड़ है।

विकास के कार्यो पर जगह-जगह बैरियर लगाने काम करते है।उन्होंने कहा कि इसमें सबसे पहला नाम सपा और साथ-साथ कांग्रेस का है। यह माफियाओं को गले का हार बनाते थे। पूरे प्रदेश को तबाह करके रखा। बड़े-बड़े माफिया पैदा किए। प्रदेश का विकास बाधित हो गया। नौजवानों के सामने पहचान का संकट आ गया। जब आप अच्छी सरकार बनाते है तो 500 वर्षो का इंतजार समाप्त होता है। रामभक्तों को संरक्षण मिलता है। माफियाओं के रामनाम सत्य की यात्रा निकाल दी जाती है।उन्होंने कहा कि राष्ट्र, भारत का विकास, सुरक्षा, देश का सम्मान, विकास के साथ बिना भेदभाव के योजनाएं देने वाला रामभक्त है। सबसे बड़े रामभक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है। क्या सपा, कांग्रेस के रहते राममंदिर का निर्माण हो पाता।

डबल इंजन की सरकार चली तो सदियों का कलंक समाप्त हुआ। अयोध्या में रामलला विराजमान हुए। 2017 में जब दीपोत्सव में अयोध्या आया था तब अयोध्या को सबसे सुन्दर नगरी व प्रदेश को माफिया से मुक्त करने की बात कही थी। तब लोग इसे मजाक कहते थे। लेकिन आज इसे बना दिया न। अयोध्या में फोरलेन कनेक्टिविटी है। मिल्कीपुर भी उससे जुड़ा है। अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। इंटरनेशनल एयरपोर्ट महर्षि वाल्मीकि के नाम पर है। वहां भोजनालय माता शबरी के नाम पर व रैन बसेरा निषादराज के नाम पर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का सम्मान दुनिया में बढ़ाया। आतंकवाद व नक्सलवाद का समाधान किया। सपा व कांग्रेस के समय राशन माफिया हावी थे। लेकिन भाजपा के शासन काल में 80 करोड़ लोग फ्री में राशन ले रहे है। गरीबों के उपचार के लिए पांच लाख रुपये के बीमे की व्यवस्था है। जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है। उनके प्रार्थना पत्र पर इलाज के लिए धन की व्यवस्था की जाती है।

रिपोर्ट – मनोज कुमार तिवारी

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