मेनका गाँधी मीडिया और मैं!

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संपादकीय-मेनका , इंदिरा गाँधी की बहू . उनके बेटे संजय की धर्मपत्नी . आज 65 वर्ष की हो गई हैं . उनको जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई . आप सभी सोच रहे होंगे कि मेनका पर कलम चलाने की क्या जरूरत आन पडी . प्रसंग 12 वर्ष पहले का है . बात 2009 की है . मैं उस समय ईटीवी न्यूज चैनल का बरेली ब्यूरो प्रमुख था . देश में आम चुनाव की घोषणा हो चुकी थी . भाजपा ने पीलीभीत सीट से मेनका की जगह उनके बेटे वरुण गाँधी को टिकट थमाया था . जबकि बरेली की दूसरी लोकसभा सीट आँवला से मेनका गाँधी को चुनाव मैदान में उतारा गया था .
मतदान सम्पन्न हो चुका था . मतगणना स्थल पर मतगणना का काम तेजी से चल रहा था . मतगणना स्थल पर प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया का भारी जमावडा था . क्योंकि मेनका गाँधी जैसी हाई प्रोफाइल नेत्री चुनाव मैदान में थी .
लगभग 12 बजे दोपहर में मीडिया के बीच में तेजी से खबर फैली कि मेनका गाँधी आँवला से चुनाव हार गई हैं . उन्हें सपा के धर्मेन्द्र कश्यप ने हरा दिया है . कुछ राष्ट्रीय चैनलों के रिपोर्टरों ने हडबडाहट में खबर भी ब्रेक कर दी . मेरे साथी स्ट्रिंगरों ने बार बार मुझे खबर ब्रेक करने को कहा . मैंने उनसे कई बार कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम शाम तक आ पाएगा . अभी से जीत – हार का सवाल नहीं उठता . हेड आफिस हैदराबाद से बार बार फोन आने लगा कि अन्य चैनलों पर मेनका की हार की खबर चल रही है आप लोग मतगणना स्थल पर क्या कर रहे हैं ? जल्दी से खबर ब्रेक करिए . आखिरकार चैनलों की गलाकाट प्रतिस्पर्धा में खबर को ब्रेक कर दिया गया . मतगणना स्थल से मुझे छोडकर पूरा इलेक्ट्रानिक मीडिया जा चुका था .
और तो और स्वयं मेनका गांधी भी चुनाव हारने की खबरें सभी चैनलों पर चलने के कारण झल्लाकर बरेली से दिल्ली के लिए रवाना हो गई थीं ।
जबकि मैं मतगणना स्थल पर उस वीआईपी स्थान पर डटा हुआ था जहां पर पर्यवेक्षक और जिला निर्वाचन अधिकारी समेत प्रशासनिक अमला के लिए कैम्प बनाया गया था . शाम पांच बजते बजते चुनाव परिणाम ने पलटा खाया . मेनका गाँधी मतों की गिनती में प्रतिद्वंदी प्रत्याशी धर्मेन्द्र कश्यप से आगे निकल चुकी थीं . मैंने हेड आफिस फोन लगाकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया व तत्काल खबर को ब्रेक करने को कहा . बाॅस मुझसे बोले राकेश ये क्या मजाक है ? मैंने उन्हें बताया ये मजाक नहीं हकीकत है . मेनका जी चुनाव जीत रही हैं. उन्होंने इतनी बढत बना ली है कि मतगणना के लिए बाकी बचे वोट यदि विपक्षी प्रत्याशी को भी मिल जाएं तो भी मेनका चुनाव नहीं हार सकतीं हैं . आखिरकार शाम 6 बजे अंतिम चुनाव परिणाम की घोषणा हुई . मेनका गाँधी चुनाव में विजयी घोषित हुईं . उस समय तक मेनका गांधी गढ मुक्तेश्वर पहुंच चुकी थीं .
मीडिया द्वारा चुनाव हराने पर वह मीडिया से जमकर खफा थीं . आखिर खबर ब्रेक करने की ऐसी होड भी किस काम की जिसमें खबर की पुष्टि किए बिना उम्मीदवार की हार जीत की घोषणा कर दी जाए .
चुनाव के दो माह बाद मेरा हेड आफिस हैदराबाद ट्रांसफर हो गया . चैनल के प्रोटोकाल के तहत हर तीन साल बाद रिपोर्टर का स्थानांतरण कर दिया जाता है . बरेली में मेरे कार्यकाल को तीन साल पूरे हो गये थे . मुझे केवल लोकसभा चुनाव के कारण वहां रोक लिया गया था . लेकिन मैं आज भी यह मानता हूं कि मेनका के चुनाव हार जाने की खबर को भले मेरे अधीनस्थ ने ब्रेक किया था लेकिन बरेली ब्यूरो का मुखिया होने के नाते उस खबर के ब्रेक करने का खामियाजा मुझे भी भुगतना पडा था .
मेनका जी आपको जन्मदिन की एक बार पुन: बधाई !

राकेश अग्रवाल रिपोर्ट

Anuj Maurya

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