रायबरेली के अधिकारियों का नहीं छूट रहा वीआईपी कल्चर का मोह

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रायबरेली-मोदी-योगी सरकारों ने भले ही वीआईपी कल्चर खत्म कर रखा है, लेकिन रायबरेली जनपद में प्रशासनिक अफसर और उनके स्टाफ पर यह कल्चर पूरी तरह हावी है। नंबर प्लेट पर कहीं भारत सरकार लिखा है तो कहीं उत्तर प्रदेश सरकार। गाड़ियों का नंबर भले ही सही न दिखे, मगर सरकार इतना मोटा लिखा होता कि रोड पर चलने वाले को दूर से नजर आ जाता है। पुलिस चेकिंग के दौरान केंद्र या उत्तर प्रदेश सरकार लिखी गाड़ियों के चालक अपना परिचय देते हुए रौब झाड़ते देखे जा सकते हैं। उपसंभागीय परिवहन विभाग इस गड़बड़ी से आंखें मूंदे हुए है।

जनपद के किसी भी सरकारी कार्यालय में जाकर देख लीजिए। वहां खड़ी गाड़ियां परिवहन विभाग के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए नजर आ जाएंगी। लाल या नीली बत्ती का कल्चर खत्म होने के बाद अधिकारी अपनी या अपने परिवार की गाड़ियों पर पदनाम या फिर उत्तर प्रदेश सरकार लिखकर वीआईपी कल्चर को बढ़ावा दे रहे हैं। कलक्ट्रेट, विकास भवन, समेत अन्य सरकारी कार्यालयों में केंद्र सरकार या उत्तर प्रदेश सरकार लिखे वाहन रोजाना खड़े मिलते हैं। ये अफसर मुख्यमंत्री के आदेश को भी दरकिनार कर रहे हैं। सरकारी विभागों में किराए पर लगे वाहन पर भी उनके मालिक उत्तर प्रदेश सरकार लिखवा दे रहे हैं। जबकि इनका सरकारी विभागों से दूर-दूर तक नाता नहीं। सरकारी विभागों में सम्बद्ध निजी वाहनों पर उत्तर प्रदेश सरकार का बोर्ड नहीं लगाया जा सकता, लेकिन यहां सरकारी आदेश किनारे है। परिवहन विभाग के नियमानुसार नंबर प्लेट पर विभाग या पदनाम नहीं लिखा जा सकता, मगर यह सब खुलेआम लिखा मिलेगा।बात करी जाए यातायात नियम केवल आमजनमानस के लिए बना हैं।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

Anuj Maurya

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