रामलला मंदिर परिसर में विदेशी कलाकारो ने बांधा समां

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आजादी की पूर्व संध्या पर, पौष मास की पूर्णिमा के दिन जिलाधिकारी अयोध्या नीतीश कुमार की प्रेरणा से विदेश से आए कलाकारों ने भव्य और नव्य रामलला मंदिर में ना केवल दर्शन पूजन किए बल्कि विदेशी रामलीलाओं का मंचन भी मंदिर के मंडप में किया। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के दर्शनों की उत्कंठा सिर्फ देश में ही नही है बल्कि विदेशी में भी है।सिंगापुर,थाईलैंड,श्रीलंका, लाओस,इंडोनेशिया और मारिशस छः देशों से आए विदेशी कलाकार भगवान रामलला के दर्शन से अभिभूत दिखे। उनकी भावनाएं उनके प्रदर्शन में निखर कर सामने आ रही थी। भावुक होते कलाकार सनातन संस्कृति के रंग में रंगे दिखे। अपने अपने देश की वेश भूषा में आए इन कलाकारों ने श्रद्धालुओं के साथ “जय श्री राम” का जयघोष भी किया। श्रीलंका के कलाकारों ने सूर्पनखा प्रसंग से लेकर राम राज्याभिषेक के अंश का मंचन किया वहीं इंडोनेशिया के कलाकारों ने श्री राम चंद्र कृपालु भजमन से आरंभ करके “रामराज्य” की परिकल्पना पर आधारित नृत्य नाटिका के अंश प्रस्तुत किया।इसके बाद सिंगापुर से आए कलाकारों ने भरतनाट्यम शैली में वाल्मीकि रामायण को सिर्फ छह छन्द में प्रस्तुत करके सभी को भाव विभोर कर दिया। थाईलैंड के कलाकारों ने अपनी वेश भूषा और रंग बिरंगे मुखौटों के साथ अरण्यकांद से लेकर सुंदरकांड और लंकाकांड के प्रसंगों के बाद राम राज्याभिषेक की झांकी के अंश प्रस्तुत किया। लाओस के कलाकारों ने भी रामलीला के प्रसंगों के अंश का मंचन किया जबकि मरिशस के कलाकारों ने राम भजन का गा कर सभी को विभोर कर दिया किया। पूरे परिसर में एक तरफ श्रद्धालु दर्शन कर रहे थे वही दूसरी तरफ विदेशी धरती पर रामरस में डूबे कलाकार अपनी अपनी कला के माध्यम से अपनी हाजिरी रामलला के समक्ष लगा कर इन अविस्मरणीय क्षणों को अनुभव कर स्वयं को सौभाग्यशाली मान रहे थे। सभी देशों के कलाकारो को रामनामी अंगवस्त्र भी प्रदान किया गया। इस अवसर पर रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य श्री अनिल मिश्रा,निदेशक अंतरराष्ट्रीय रामायण और वैदिक शोध संस्थान अयोध्या Dr लवकुश द्विवेदी समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे । कार्यक्रम का भावपूर्ण संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने किया।

रिपोर्ट- मनोज कुमार तिवारी

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