रायबरेली महोत्सव में मनाया गया दिव्यांगों का उत्सव

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  • दिव्यांग बच्चों एवं शिक्षक शिल्पकार अभय का हुआ सम्मान
  • अक्षमता शरीर की नहीं मन की होती है : अभय प्रकाश

रायबरेली। जनपद में आयोजित किए जा रहे रायबरेली महोत्सव में अक्सर भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है किंतु आज एक अलग ही प्रकार के उत्सव का आनंद देखने को मिला जिसमें समाज से वंचित रह गए दिव्यांग बच्चों एवं उनको शिक्षित प्रशिक्षित संरक्षित कर उनकी प्रतिभा को निखार कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने वाले उनके प्रशिक्षक अभय प्रकाश श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया।

 जनपद की समेकित शिक्षा के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर सम्मानित प्रशिक्षक अभय प्रकाश श्रीवास्तव एवं दिव्यांग जनों के हितार्थ काम करने वाली कार्य करने वाली उनकी संस्था ओम मानव उत्थान संस्थान से जुड़े अभय सर के दिव्यांग छात्रों को आज महोत्सव की आयोजन कमेटी के द्वारा उनके असाधारण प्रयासों हेतु सम्मानित किया गया। 

महोत्सव के आयोजक राकेश गुप्ता की पहल पर आज ओम मानव उत्थान संस्थान से जुड़े भिन्न भिन्न प्रकार की विकलांगता से ग्रसित 11 दिव्यांगों तथा तीन बालिकाओं को सम्मानित किया गया।

महोत्सव आयोजन कमेटी के संयोजक विजय यादव ने बताया कि अभय सर दिव्यांगता की सभी श्रेणियों मूक बधिर दृष्टिबाधित एवं मानसिक मंदता में प्रशिक्षित एकमात्र शिक्षक हैं जो सभी प्रकार के दिव्यांगताओं  पर विगत  लगभग 10 वर्षों से कार्य कर रहे हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रयोग भी करते रहे हैं।

इतने वर्षों से उनकी ऊर्जा में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आई बल्कि प्रयास लगातार बढ़ते ही गए हैं। महोत्सव के आयोजक राकेश गुप्ता ने कहा कि अभय सर के दिव्यांग छात्र भिन्न भिन्न प्रकार की दिव्यांगता ग्रसित अवश्य है किंतु उनको बड़ी तल्लीनता से शिक्षित अशिक्षित किया गया है जिनकी विभिन्न प्रकार की अनूठी प्रस्तुतियां आश्चर्य में डाल देती हैं।

महोत्सव के व्यवस्थापक राजू खान ने कहा कहा कि इन दिव्यांग बच्चों को देख कर लगता है ये कुदरत का कोई करिश्मा हैं जिसके लिए इनके प्रशिक्षक अभय सर बधाई के पात्र हैं। 

विशेष शिक्षक अभय ने आयोजक मंडल विशेषकर राकेश गुप्ता जी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि महोत्सव के आयोजक राकेश गुप्ता जी की भांति यदि समाज के अन्य लोग भी संवेदनशील हो जाएं तो इन दिव्यांग बच्चों की राह काफी आसान हो सकती  हैं। 

दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने से कहीं ज्यादा संघर्ष समाज की सोच बदलने में करना पड़ता है। इस तरह के मंचों से दिव्यांग बच्चों के उत्साह में बहुत वृद्धि होती है और उन्हें प्रबल आत्मविश्वास की अनुभूति होती है जिसके सहारे वे अपनी अक्षमता को मात देकर समाज में अपनी अलग पहचान बनाते हैं।

  कार्यक्रम में दृष्टिहीन बालक शबाब अली सत्येंद्र सन्ध्या जुबेर वसीम मुस्तक़ीम ने सुन्दर गायन प्रस्तुति दी। बहुविकलांग बालक जितेंद्र श्रवण बाधित बालक अश्विन व लक्ष्मी ने चित्र कला का प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत छात्र दीपू और अस्थि विकलांग छात्र दिलीप ने दिव्यांग बच्चों के लिए मोटिवेशनल स्पीच दी। स्वाति  प्रिया की नृत्य प्रस्तुति काबिले तारीफ रही।

बच्चों के अभिभावक के अभिभावक घनश्याम सोहनलाल सामीना राकेश अमित कुमार सुमन देवी रितिक मौर्य  लवलेश कुमारअमित कुमार विशाल कुमार विवेक हां जी ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया। 

  • अनुज मौर्य
Anuj Maurya

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